Nitish Kumar: बिहार की राजनीति में यू-टर्न लेने वाले नेता
पटना: बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच गठबंधन टूट गया है। नीतीश कुमार फिर से एक बार महागठबंधन के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। इसी हफ्ते वो फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। दरअसल, बीजेपी को लेकर कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनके मद्देनजर नीतीश कुमार लगातार भाजपा से नाराज चल रहे थे। ऐसे में अब उन्होंने फिर से अपना रास्ता अलग करने का फैसला कर लिया।
बिहार की राजनीति में यू-टर्न लेने वाले नेता
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ा हो। इससे पहले भी नीतीश कुमार ने अपनी अलग राह चुनते हुए, बिहार की राजनीति में खुद को पॉलिटिक्स का माहिर खिलाड़ी साबित किया था। हालांकि अपने फैसलों के बाद नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में यू-टर्न लेने वाले भी नेता हैं। ऐसे में जानिए बिहार के 7 बार सीएम रहने वाले नीतीश कुमार से जुड़े बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों के बारे में....
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पहली बार बने 1985 में विधायक
- 1958: लगातार दो विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद 1985 में नीतीश कुमार पहली बार हरनौत से विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे।
- 1989: नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद का समर्थन किया और विपक्ष के नेता की कुर्सी हासिल की।
- 1996: नीतीश कुमार में भाजपा का समर्थन किया।
- 1998 से 1999 तक उन्हें वाजपेयी मंत्रिमंडल में रेल मंत्री बने।
साल 2000 में पहली बार कुछ दिन के बने सीएम
- 2000: नीतीश पहली बार बिहार के सीएम चुने गए। 151 विधायकों के साथ, एनडीए तत्कालीन 324 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करने में असमर्थ था। संख्या साबित करने से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
- 2001 से लेकर 2004 तक वाजपेयी सरकार में दोबारा रेल मंत्री बने।
- 2004: नालंदा से छठे कार्यकाल के लिए लोकसभा के लिए फिर से चुने गए।
- नवंबर 2005: नीतीश ने गठबंधन सहयोगी के रूप में भाजपा के साथ बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
एनडीए में रहते हुए प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया
- 2012: एनडीए में रहते हुए राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया।
- जून 2013: यह साफ हो जाने के बाद कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, उन्होंने भाजपा से अपना पुराना नाता तोड़ लिया।
- 2014: नीतीश ने सीएम पद छोड़ा और जीतन राम मांझी को सीएम बनाया गया। फिर एक साल बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
2013 में तोड़ा बीजेपी से नाता
- फरवरी 2015: नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद के साथ गठबंधन किया और चुनाव लड़ा। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के समर्थन से नीतीश कुमार महागठबंधन के मुख्यमंत्री बने।
- 2017: महागठबंधन में रहते हुए राष्ट्रपति पद के लिए एनडीएन उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया।
महागठबंधन में फिर लौटे नीतीश कुमार
- 26 जुलाई 2017: 20 महीने तक सरकार चलाने के बाद जुलाई 2017 को उन्होंने एकबार फिर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। अगले ही दिन बिहार में एनडीए की सरकार बनी और नीतीश कुमार फिर से सीएम।
- 2020: बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा और फिर से सीएम पद की शपथ ली। इस चुनाव में जद (यू) को सिर्फ 43 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 74 सीटें जीती थीं।
- अगस्त 2022: एक बार फिर बीजेपी से खटपट के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया।
बीजेपी से टूटा नाता तो यह है नीतीश कुमार का 'सीएम' प्लान, एक बार फिर से बनेंगे 'खिलाड़ी'