फिर दागदार हुआ बिहार पुलिस का दामन, विदेशी टूरिस्ट को बनाया आतंकी
पटना। यूं तो बिहार पुलिस के कारनामे हमेशा से ही चर्चा में रहते हैं। कभी मामले के निष्पादन को लेकर तो कभी वर्दी का रौब को लेकर। पर इस बार बिहार पुलिस का कारनामे की चर्चा विदेश तक पहुंच गई है। जी हां बिहार पुलिस ने इंडिया घूमने आए टूरिस्ट को गिरफ्तार कर उसे आतंकवादी घोषित कर जेल भेज दिया है। वहीं जेल भेजने के बाद मामले की जांच कर रहे अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की गई है। जेल में कैद निर्दोष विदेशी टूरिस्ट जेल से बाहर निकालने के लिए हर संभव कोशिश करता रहा लेकिन फिर डेढ़ साल के बाद उसे जमानत मिली। अब टूरिस्ट ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस मुख्यालय के द्वारा आईजी को मामले की जांच का आदेश दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुलिस द्वारा आज से लगभग डेढ़ साल पहले लेबनान के एक नागरिक को गिरफ्तार किया गया था जिसे जेल भेजने के बाद आतंकी घोषित कर दिया गया। लेबनानी नागरिक फदी फजल इंडिया घूमने के लिए आया था इसी दौरान सीतामढ़ी पुलिस ने गिरफ्तार कर आतंकी घोषित करते हुए जेल भेजा दिया। जहां 13 महीने तक वह सलाखों के पीछे कैद रहा। परिवार वालों के द्वारा उसे बाहर निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत की गई इस दौरान उन्होंने जांच कर रहे अधिकारी से भी संपर्क किया।
पर वह रिश्वत की मांग करने लगा जिसकी शिकायत विदेशी युवक के परिवार वालों ने पुलिस मुख्यालय से की तथा इसका रिपोर्ट भी पेश किया। जांच अधिकारी विजय कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। काफी मशक्कत के बाद जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने उसे जमानत दी। जमानत मिलने के बाद फजल ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया है। जिसके बाद पुलिस इस मामले की लीपापोती करने में जुट गई। वहीं मामले में जिले के SP हरिप्रसाद से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है और इस पर कुछ कहना उचित नहीं है। जहां तक विदेशी युवक ने पुलिस पर आरोप लगाया है वह बिल्कुल बेबुनियाद है पुलिस ना तो उसे जबरदस्ती गिरफ्तार किया है और ना ही उसे आतंकी घोषित किया है। लेकिन उसके खिलाफ दर्ज मामले यही बता रहे हैं आरोपी युवक संदिग्ध है।
दूसरी तरफ जमानत पर बाहर निकले फजल ने बताया कि वह पिछले साल 8 जुलाई 2016 को नेपाल घूमने के लिए आया था तभी उसे सीतामढ़ी जिले के मोहनपुर चौक के पास तत्कालीन थाना अध्यक्ष विशाल आनंद ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान वह बार-बार वीजा खोज रहे थे और वीजा न मिलने के कारण भारत में आने के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया। वहीं उसकी तलाशी के दौरान बैग से दो हार्ड डिक्स मिले जिसके आधार पर पुलिस ने उसे आतंकी घोषित कर दिया। और मामले में FIR करते हुए केस का इंचार्ज सब इंस्पेक्टर विजय कुमार गुप्ता को बनाया गया। लेकिन मामले की जांच के दौरान उन पर घूसखोरी का आरोप लगा तथा उन्हें निलंबित कर दिया गया।
एक साल तक जिला न्यायालय में मामला चलने के बाद हाईकोर्ट पहुंचा जहां हाईकोर्ट जज ने सुनवाई करते हुए पुलिस की लापरवाही एवं उसकी मनमानी पर नाराजगी जाहिर की और जमानत दे दिया। जमानत के बाद इस मामले की शिकायत की गई तथा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया गया है जिसके बाद गृह विभाग के अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया तथा सीतामढी SP को जांच का आदेश दिया। वही पुलिस मुख्यालय के द्वारा भी इस मामले की जांच जोनल आईजी सुनील कुमार को सौंपा गया है साथ ही मुख्यालय में जोनल आईजी से इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट की भी मांग की है।