चारा घोटाला: जब लगे लालू की उम्मीदों को पंख- 'अब तो मैं भी बरी हो जाऊंगा', पढ़ें कोर्टरूम की Inside Story
रांची की सीबीआई कोर्ट का फैसला आने से पहले लालू यादव ने कहा था, 'एक ही मुर्गी को कितनी बार हलाल करोगे।'
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रांची। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया गया है। रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार को कुल 22 आरोपियों में से लालू यादव समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया, जबकि बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत 7 लोगों को बरी कर दिया है। रांची की सीबीआई अदालत के इस फैसले से लालू यादव इस कदर हैरान हो गए कि फैसला सुनने के बाद अपने करीबियों से बरबस बोल पड़े, 'ये कैसे हो गया'। लालू यादव जब कोर्ट में सुनवाई के लिए गए थे, तब उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वह मामले में बरी कर दिए जाएंगे। एक वक्त ऐसा लगा भी, लेकिन अचानक से ऐसा फैसला आया कि लालू समर्थक कोर्ट परिसर में ही रोने लगे।
जगन्नाथ मिश्र की खबर सुनते ही लगे लालू की उम्मीदों को पंख
रांची की सीबीआई कोर्ट का फैसला आने से पहले लालू यादव ने कहा था, 'एक ही मुर्गी को कितनी बार हलाल करोगे।' लालू जब बेटे तेजस्वी के साथ कोर्ट परिसर में पहुंचे तो वह बड़े उत्साहित लग रहे थे। उनका उत्साह तब और बढ़ गया जब अदालत ने पूर्व आईजी नटराजन को मामले में बरी कर दिया। इसके बाद पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा, ध्रुव भगत, सरस्वती चंद्र, विद्या सागर को भी बरी किए जाने की खबर आई तो मानो लालू की उम्मीदों को पर लग गए।
काफी देर तक कुछ इस तरह खुशफहमी में रहे लालू यादव
कोर्ट परिसर में लालू बेटे तेजस्वी और आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद के साथ बैठे थे। जज शिवपाल सिंह ने जैसे ही अदालत की कार्यवाही शुरू की, वैसे ही लालू यादव को पल-पल की खबर मिल रही थी। लालू यादव अपने वकील प्रभात कुमार से लगातार बात भी कर रहे थे। जिस वक्त पूर्व आईजी नटराजन के बरी होने की खबर आई, उस वक्त कोर्ट परिसर में तूफान खड़ा हो गया। लालू समर्थकों को लगा कि उनके नेता को रिहा कर दिया है। यहां तक कि कुछ चैनलों ने भी लालू की रिहाई की खबर चला दी थी। लेकिन यह तो मात्र अफवाह थी, मगर लालू अब तक इसी खुशफहमी में थे, आज तो उनको भी खुशखबरी ही मिलेगी।
अंदर हैरानी भरी नजरों से देखते रहे लालू और बाहर समर्थक रोते रहे
पूर्व आईजी नटराजन के बाद जब पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत कुछ अन्य आरोपियों को रिहा किया गया तो लालू पे अपने वकील से पूछा, 'क्या सभी को रिहा कर दिया गया है?' इस पर वकील ने जवाब दिया- नहीं। इसके बाद लालू यादव का नाम पुकारा गया और वह कोर्ट में हाजिर हुए। अदालत ने लालू को दोषी करार दिया गया। अंदर कोर्ट में लालू हैरानी भरी नजरों से सब देखते रहे और बाहर उनके समर्थक रोते रहे।
क्या है पूरा मामला ?
वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध तरीके से 89 लाख 27 हजार रुपये निकालने के मामले में कुल 38 लोगों पर आरोप था। इनमें 11 की मौत हो गई। तीन आरोपी सीबीआई के गवाह बन गए, जबकि दो आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया। लालू यादव को चारे घोटाले के एक अन्य चाईबासा मामले में पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। चाईबासा मामले में लालू यादव को पहले ही पांच साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
चारा घोटाले में क्या हुआ 20 सालों के भीतर, लालू दोषी तो जगन्नाथ मिश्रा बरी