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मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को मिली अब तक की सबसे बड़ी सफलता

देश में पहली बार चालू खाते में नुकसान की भरपाई एफडीआई के जरिए, 1991 के बाद पहली बार एफडीआई आया है इस क्षेत्र में

By Ankur
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नई दिल्ली। भारत में खुली अर्थव्यवस्था के बाद पहली बार देश में करेंट खातों के नुकसान और अधिक आयात व कम निर्यात से होने वाले नुकसान की भरपाई एफडीआई से हुई है। पहली बार एफडीआई ने इस नुकसान को फंड किया है जोकि मौजूदा मोदी सरकार में विदेशी निवेशकों के भरोसे को मजबूत कर रही है। विदेशी निवेशकों में पहली बार यह भरोसा जगा है कि मोदी सरकार देश में आर्थिक सुधार ला सकती है और मजबूत अर्थव्यवस्था को स्थापित कर सकती है।

पहली बार एफडीआई ने किया निवेश

पहली बार एफडीआई ने किया निवेश

अभी तक फंडिंग में होने वाले नुकसान की भरपाई विदेश कंपनियों से उधार और एनआरआई के जरिए होती थी, लेकिन इस बार इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है और एफडीआई ने इसमें अपनी विशेष भूमिका निभाई है। एफडीआई मुख्य रूप से देश में नए व्यापार और बिजनेस को शुरु करने में होता है जोकि काफी स्थिर माना जाता है और देश में काफी लंबे समय तक रहता है, अन्य पोर्टफोलियों की तुलना में यह काफी स्थिर होता है, ऐसे में पहली बार घाटे की भरपाई में एफडीआई का निवेश काफी अहम साबित हो सकता है।

विदेशी निवेशक भारत में लौटेंगे

विदेशी निवेशक भारत में लौटेंगे

आरबीआई के आंकड़ों पर नजर डाले तो एफडीआई में ज्यादातर बढ़ोत्तरी का इस्तेमाल कंपनियों और सेंट्रल बैंकों द्वारा किया जाता है। पिछले कुछ समय में 26 बिलियन डॉलर राशि को 2013 तक एनआरआई भारतीयों ने तेजी से निकाला था जिसके चलते रुपए की कीमत में डॉलर की तुलना में काफी कम हो गई थी। यस बैंक के चीफ इकोनोमिस्ट सुभद राव का कहना है कि अस्थिर मार्केट के दौरान इस तरह के बदलाव विदेशी निवेशकों को भारत में फिर से वापस लेकर आते हैं।

भारत में व्यापार का माहौल बेहतर

भारत में व्यापार का माहौल बेहतर

जिस तरह से भारत की आर्थिक नीतियों व व्यापार के माहौल को आसान बनाया गया है उसने एफडीआई को भारत में आने का रास्ता खोला है। अन्य निवेशकों की तुलना में एफडीआई काफी स्थिर होता है, यही नहीं इसके जरिए देश में बेहतर तकनीक आती है जिसका देश को काफी लाभ मिलता है। भारत धीरे-धीरे ऐसा देश बना रहा है जोकि स्थिर मुनाफा दे सकता है।

दूसरे देश की तुलना में भारत सशक्त

दूसरे देश की तुलना में भारत सशक्त

एक तरफ जहां दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया अपनी राजनीतिक और आर्थिक मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं तो दूसरी तरफ भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ग्लोबल इज ऑफ डूइंज बिजनेस में भी भारत का स्थान 2015 में 142 से बढ़कर 2017 में 130 हो गया है जोकि काफी सकारात्मक संकेत है। जिस तरह से भारत सरकार जीएसटी को तेजी से लाने में सफल हुई है वह काफी अहम साबित हो सकता है। जीएसटी भारत में एकल बाजार को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा और कई तरह के करों को समाप्त किया जाएगा।

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English summary
FDI invest in the current account deficit for the first time since 1991. This is the show of Indian economy strength.
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