भीमा कोरेगांव: 'दलित जीत' के जश्न से हिंसा की आग तक, 10 अपडेट्स
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नई दिल्ली। पुणे के भीमा कोरेगांव में कल भड़की जातीय हिंसा का असर पूरे महाराष्ट्र में देखने को मिला। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस मामले में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई है। दलित संगठनों ने आज महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है। मंगलवार को इस मामले में पूरे दिन क्या क्या हुआ, ये रहे 10 अपडेट्स ..
यहां से शुरू हुई कहानी
बता दें कि पुणे के भीमा कोरेगांव में मंगलवार को महार रेजिमेंट के पेशवाओं पर जीत के 200 वर्ष पूरे होने पर 'शौर्य दिवस' का आयोजन किया था। बताया जाता है कि इस लड़ाई में अंग्रेजों की तरफ से लड़ते हुए महार रेजिमेंट के 500 सैनिकों ने हजारों की संख्या वाली पेशवा बाजीराव की सेना को हरा दिया था। यह लड़ाई 1 जनवरी 1818 को लड़ी गई थी। तभी से हर साल हजारों की संख्या में यहां दलित समुदाय के लोग इकठ्ठा होकर महार रेजिमेंट की जीत का जश्न मनाते हैं। इस साल 1 जनवरी को इस ऐतिहासिक लड़ाई के 200 साल पूरे हो गए जिस मौके पर दलित समुदाय की तरफ से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद समेत कई तमाम लोगों को बुलाया गया था। कई दक्षिणपंथी संगठन शुरू से ही इस समारोह का विरोध कर रहा था। वे इस जीत को 'अंग्रेजो की जीत' बताकर इसके जश्न का विरोध कर रहे थे।
1 की मौत, 100 से ज्यादा हिरासत में
मंगलवार को इस कार्यक्रम के शरू होने के कुछ ही घंटों में पुणे के कई इलाकों में जातीय संघर्ष की खबरें आने शुरू हो गईं। दलित और अन्य दक्षिणपंथी संगठन इस मामले में आमने सामने आए गए। हिंसा भड़कने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। मुंबई पुलिस की ओर से बताया गया है कि इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग इलाकों से हिरासत में लिया गया है।
पूरे
महाराष्ट्र
में
दिखा
हिंसा
का
असर
पुणे
में
भड़की
यह
हिंसा
की
आग
धीरे
धीरे
मुंबई
समेत
महाराष्ट्र
के
कई
इलाकों
में
फैल
गई।
मुंबई
के
अलावा,
हड़पसर
और
फुरसुंगी
में
बसों
पर
उग्र
लोगों
ने
जमकर
पथराव
किया
गया
और
सड़क
पर
खड़ी
खाली
बसों
में
तोड़फोड़
की
गई।
हिंसा
को
देखते
हुए
औरंगाबाद
और
अहमदनगर
के
लिए
बस
सेवा
निरस्त
कर
दी
गई
थी।
सुरक्षा
के
मद्देनजर
स्कूल-कॉलेज
को
बंद
कर
दिया
गया
थी।
लोकल
रेल
सेवाएं
भी
बाधित
रहीं
जिसके
कारण
लोग
परेशान
रहे।
शिवसेना
दफ्तर
में
भी
तोड़फोड़
इस
हिंसा
में
चैंबूर
जिले
में
शिवसेना
के
दफ्तर
में
भी
तोड़फोड़
किया
गया।
तोड़फोड़
के
दौरान
कुछ
पुलिस
कर्मियों
के
घायल
होने
की
भी
खबर
है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ये कहा
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग आए थे, हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी, कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई है, इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मृतक के परिवार वालों को 10 लाख के मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने हिंसा की न्यायिक जांच की भी बात कही है।
जिग्नेश-उमर
के
खिलाफ
शिकायत
गुजरात
के
वडनगर
से
विधायक
जिग्नेश
मेवाणी
और
जेएनयू
विश्वविद्यालय
में
शोध
छात्र
उमर
खालिद
के
खिलाफ
भीमा
कोरेगांव
हिंसा
मामले
में
पुणे
के
डेक्कन
पुलिस
थाने
में
शिकायत
दर्ज
कराई
गई
है।
पुलिस
को
मिली
शिकायत
में
कहा
गया
है
जिग्नेश
और
उमर
खालिद
ने
भड़काऊ
बयान
दिए
जिससे
की
दो
जातीय
समूहों
के
बीच
हिंसा
भड़क
गई।
आज महाराष्ट्र बंद का ऐलान
भीम कोरेगांव में भड़की हिंसा के बाद भीम सैनिकों ने आज महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है। इसके लिए भीम सैनिकों ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में निषेध रैलियां निकाली। सोमवार को हिंसा और पथराव की घटनाओं को देखते हुए महराष्ट्र के 13 शहरों के कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई थी।
राहुल
ने
कहा-दलितों
को
दबाना
चाह
रहा
है
संघ
कांग्रेस
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
इस
हिंसा
के
लिए
भाजपा
सरकार
को
जिम्मेदार
ठहराया
है।
राहुल
गांधी
ने
ट्वीट
कर
कहा
कि
आरएसएस
और
बीजेपी
दलितों
को
समाज
में
सबसे
नीचे
पायदान
पर
रखना
चाहती
है।
ऊना,
रोहित
वेमुला
और
भीमा
कोडेगांव
की
हिंसा
दलितों
के
प्रतिरोध
के
उदाहरण
हैं।
मायावती
को
हिंसा
के
पीछे
भाजपा-संघ
पर
शक
मायवती
ने
हिंसा
को
दुखद
बताया
हुए
कहा,
ये
जो
घटना
घटी
है
ये
रोकी
जा
सकती
थी।
सरकार
को
वहां
सुरक्षा
के
उचित
प्रबंध
करने
चाहिए
थे।
वहां
भाजपा
की
सरकार
है
और
उन्होंने
वहां
हिंसा
कराई।
लगता
है
इसके
पीछे
भाजपा,
आरएसएस
और
जातिवादी
ताकतों
का
हाथ
है।'