क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भारत बंद: कैसे तय होता है न्यूनतम वेतन, जानिए जरूरी बातें

By Sachin Yadav
Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार की तरफ से गैर कृषि क्षेत्र में काम करने वाल श्रमिकों के वेतन में 42 फीसदी की बढ़ोतरी मंगलवार को की गई थी। पर यह बढ़ोतरी श्रमिकों के मुताबिक बहुत कम है।

minimum wage

सरकार की तरफ से न्यूनतम वेतन बढ़ाने के बावजूद देश भर में श्रमिकों ने देश बंद कर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। देश की 10 बड़ी श्रमिक यूनियन इस हड़ताल में हिस्सा ले रही हैं।

पर क्या आपको असल वजह मालूम है कि आखिर 42 फीसदी तक न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी होने के बावजूद देश भर मे श्रमिक हड़ताल पर क्यों गए हैं। और इस श्रमिकों को अपना वेतन अभी भी कम क्यों लग रहा है।

strike

देश भर में ट्रेड यूनियन क्यों नहीं हैं खुश?

आपको बताते चलें कि देश में ए केटेगरी के श्रमिकों के लिए मेहनताना 26,560 और बी केटेगरी के श्रमिकों के लिए मेहनताना 22,320 रूपए तय जाए और ट्रेड यूनियन की मांग है कि सी केटेगरी के श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 18,000 रूपए किया जाए।

<strong>बेंगलुरू फिर झेलेगा बंद, सरकारी सेवाएं भी रहेंगी ठप</strong>बेंगलुरू फिर झेलेगा बंद, सरकारी सेवाएं भी रहेंगी ठप

दूसरी तरफ सरकार ने तीनों ए, बी और सी केटेगेरी के के लिए 9,100, रूपए 11,362 और रूपए 13,598 तय किया है। जोकि मांग के अनुसार पूरा आधा है। ट्रेड यूनियन की मांग है कि न्यूनतम वेतन एक्ट 1948 में बदलाव किया जाए।

minimum wage


न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी से किसको होगा फायदा?

न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का नोटिफिकेशन सरकार की तरफ से जारी करने के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का नियम से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। अभी तक इस ​न्यूनतम वेतन एक्ट 1948 में 45 रोजगार आते हैं। इसमें कृषि, पत्थर खनन, कंस्ट्रक्शन, गैर कोल माइंस और लोडिंग-अनलोडिंग का काम आता है। इसके अलावा राज्य सरकारों के करीब 1679 रोजगार इस एक्ट के अधीन आते हैं।

<strong>आज महाहड़ताल, सरकार भी तैयार, आप भी रखें इन बातों का ध्यान</strong>आज महाहड़ताल, सरकार भी तैयार, आप भी रखें इन बातों का ध्यान

इस नियम के मुताबिक राज्य न्यूनतम वेतन को तभी लागू करने के लिए बाध्‍य होते हैं जब इस एक्ट के तहत किसी रोजगार में 1000 से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हों।

minimum wage

कैसे तय होता है न्यूनतम वेतन?

  • न्यूनतम वेतन करने के लिए भारतीय श्रमिक सम्मेलन 1957 में कुछ प्रस्ताव दिए गए थे। इन प्रस्तावों में यह बात कही गई थी कि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन उनकी न्यूनतम जरूरतों के आधार पर तय किया जाना चाहिए। इसके लिए पांच मुख्य प्रस्ताव दिए गए थे।
  • पहले प्रस्ताव के मुताबिक श्रमिक और श्रमिक के परिवार के लिए तीन समय का खाना सुनिश्चित हो। इस हिसाब से न्यूनतम वेतन तय किया जाए। साथ ही श्रमिक के परिवार की आय को उससे अलग रखा जाए।
  • एक परिवार में व्यस्क के लिए औसतन 2,700 कैलोरी का इंतजाम हो।
  • एक श्रमिक के लिए कपड़े की खपत सालाना 18 गज तय की गई थी। अगर परिवार में चार लोग हैं तो वो 72 गज कपड़ा सालाना की खपत माना जाए।
  • न्यूनतम आय समूह के आधार पर श्रमिकों के लिए न्यूनतम किराया तय किया गया था जिससे वो इंडस्ट्रयिल क्षेत्र में एक न्यूनतम एरिया में रह सकें।
  • इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1991 में दिए आदेश के अनुसार जिसमें कहा गया था कि न्यूनतम वेतन तय करते समय बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य की जरूरत, त्यौहारों के समय के खर्चे और बुढ़ापे की उम्र के साथ-साथ शादियों को भी ध्यान में रखा जाए।

<strong>दो सिंतबर को भारत होगा बंद: जानिए क्या खुलेगा और क्या होगा बंद?</strong>दो सिंतबर को भारत होगा बंद: जानिए क्या खुलेगा और क्या होगा बंद?

strike


पूरे देश में श्रमिकों के वेतन में असमानता

देश भर में श्रमिकों का वेतन तय करने के लिए आज भी पुराने तरीके ही अपनाएं जा रहे हैं और सालों पुराने नियमों के आधार पर ही वेतन तय कर दिया जाता है।

<strong>Pics: ट्रेड यूनियनों की महा-हड़ताल, लोग हैरान-परेशान</strong>Pics: ट्रेड यूनियनों की महा-हड़ताल, लोग हैरान-परेशान

वर्ष 1991 में नेशनल फ्लोर मिनिमम वेज ने देश भर में एक जैसा वेतन लागू करने के लिए एक नियम बनाया था। इसके तहत वर्ष 1996 में पूरे देश में श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 35 रूपए का वेतन तय किया गया जिसे बाद में बढ़ाकर 160 रूपए कर दिया गया। पर इसके बाद से अभी तक पूरे देश के लिए ऐसा कोई वेतन तय नहीं किया गया था।

<strong>केंद्र के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए ट्रेड यूनियन, जानिए आखिर आज भारत बंद क्यों है?</strong>केंद्र के फैसले के खिलाफ एकजुट हुए ट्रेड यूनियन, जानिए आखिर आज भारत बंद क्यों है?

आज पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में श्रमिकों के लिए अलग वेतनमान है। इस सूची में केरल और दिल्ली सबसे आगे हैं जो अपने राज्यों गैर कुशल श्रमिकों को भी सबसे ज्यादा वेतन दे रहे हैं।

Comments
English summary
Bharat Bandh: how is minimum wage fixed in india
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X