मध्य प्रदेश के किसान का कमाल, नेशनल हाईवे के डिवाइडर पर उगा दी सोयाबीन की फसल
मध्य प्रदेश के किसान का कमाल, नेशनल हाईवे के डिवाइडर पर उगा दी सोयाबीन की फसल
बैतूल। अब तक तो आपने खेतों में ही फसलों को उगते और लहलहाते देखा है, मगर मध्य प्रदेश के इस किसान ने कमाल कर दिखाया। नेशनल हाईवे के डिवाइडर पर ही फसल उगा दी। जिससे सड़क के बीचो-बीच हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है। 'जहां चाह वहां राह' वाली कहावत को चरितार्थ करने वाले इस किसान का नाम लल्ला यादव है।
किसान ने मेहनत से बैतूल- भोपाल नेशनल हाईवे की बदल दी रंगत
लल्ला यादव किसान की मेहनत के साथ बेहरीन आइडिया के बलबूते जो कर दिखाया उससे राहगीर ही नहीं प्रशासन के आधिकारी सब इसके कायल हो गए हैं। इस किसान ने बैतूल- भोपाल नेशनल हाईवे के बीचो-बीच डिवाइडर पर खाली पड़ी जमीन पर सोयाबीन की फसल उगा दी। जिससे सड़क के बीचोबीच जबरदस्त हरियाली हो गई है। करीब 10 फीट चौड़े और 300 फीट के बीच के डिवाइडर पर लहलहाती हरी फसल को देखकर हर कोई आश्चर्य चिकित हो रहा हैं। हाइवे पर कुछ दूर तक दिखने वाली हरियाली इस रास्ते से गुजरने वाले हर यात्री की निगाह को बरबस ही आकर्षित कर रहे हैं।
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डिवाइडर पर लहलहा रही सोयाबीन की फसल
इस रास्ते से गुजरने वाले लोग इस हाइवे के बीच के सुंदरीकरण को देखकर खुश हो रहे हैं। यहां से गुजरने वाले लोग समझते रहे कि ये बारिश में कोई जंगली पौधे डिवाइडर पर उग आए होंगे लेकिन सब पौधे बढ़े तो पता चला कि ये तो सोयाबीन की फसल हो रही है। हर राहगीर की तरह नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया और स्थानीय प्रशासन भी इसे देख हैरान हो गए थे। हालांकि ये सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण का मामला है इसलिए अब अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए जांच करने में जुट गए हैं।
जानिए क्यों की यहां खेती
बैतूल-भोपाल फोरलेन के किनारे बसे उड़दन गाँव के किसान लल्ला यादव की इस फसल को देखकर यहां का तहसीलदार भी हैरान हैं। किसान ने बताया ने बताया कि सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को इस डिवाइडर पर पौधे लगाने थे। लेकिन लंबे समय तक कंपनी ने काली मिट्टी डाल के ऐसे ही छोड़ दिया था। मुझे लगा कि ये ऐसे ही खाली पड़ा है तो फोरलेन के बीच बने डिवाइडर में लगभग 500 मीटर तक सोयाीन के लगभग 5 किलो बीज वहां बो दिए और बरसात में थोड़े ही दिन में उसमें सोयाबीन की फसल निकल आई और उसने उसकी देखभाल करनी शुरु कर दी और सोयाबीन की खेती लहलहानेलगी। हालांकि प्रशासन के अंतर्गत आने वाली ये जमीन है इसलिए अब प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है।