शराबी पति के इलाज का बिल चुकाने को बेबस मां ने बेच दिया अपने जिगर का टुकड़ा
बंगलूरू। शराबी पति का इलाज करा रही एक बेबस मां को उस वक्त अपना बच्चा बेचना पड़ा जब उसके पास इलाज के लिए पैसे खत्म हो गए। मां ने अपने जिगर के टुकड़े को आज से लगभग दो महीने पहले बेच दिया था, जिसे ब्रहस्पतिवार को हासन जिला अस्पताल से ढूंढ निकाला गया है।
21 हजार में बेचा बच्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्योति नाम की एक महिला ने अपने बच्चे को एक रिटायर्ड नर्स के हाथों 21 हजार रुपये में बेच दिया था। महिला के मुताबिक उसके पति को शराब की लत है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा था लेकिन इलाज का खर्च अधिक होने की वजह से उसे अपने बच्चे का सौदा करना पड़ गया। महिला ने अपने बच्चे को सितंबर के तीसरे हफ्ते में बेचा था। महिला ने जिस नर्स को वह बच्चा बेचा था उसने बच्चे को एक बांझ औरत को बेच दिया था। मां एक हक्की-पक्की बंजारे जनजाति की बताई जा रही है।
बेलूर जिला अस्पताल से बरामद किया गया बच्चा
बाल कल्याण समिति के सदस्यों व डिस्ट्रिक्ट चिल्ड्रेन प्रोटेक्शन सेल को मिले एक अज्ञात पत्र से मिला जानकारी के बाद बच्चे को बेलूर जिले से बरामद किया गया। महिला एवं बाल कल्याण समिति की डिप्टी डायरेक्टर पद्मा ने बाल कल्याण समिति को इस रैकेट में शामिल सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा समिति बच्चे की मां को खोजने के लिए दबिश भी डाल रही है।
बच्चे के पैदा होने से पहले हो चुकी थी डील
महिला एवं बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन कोमाला ने बताया कि बच्चे की मां ज्योति हासन रेलवे स्टेशन के पास रहती है। उन्होंने बताया कि मां ने एक महिला गायत्री के जरिए अपना बच्चा अस्पताल की एक रिटायर्ड नर्स को बच्चा बेचा था। गायत्री इसी नर्स की पड़ोसी थीं। बताया जा रहा है कि गायत्री के जरिए बच्चे को बेचने की डील उसके पैदा होने के पहले ही हो चुकी थी। जिसके बाद नर्स ने बच्चे को बेलूर की रहने वाली मंजुला देवराज को 17 सितंबर को कामधेनु चाइल्ड सेंटर में बेच दिया था। मंजुला देवराज के कोई बच्चा नहीं है।
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