8 साल नौकरी करने के बाद महिला से पुरुष बनेगी ये कॉन्स्टेबल, राज्य सरकार ने दी हरी झंडी
29 वर्षीय साल्वे यहां के बीड जिले में वीमेंस स्क्वॉड में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात ललिता साल्वे अब महिला से पुरुष बन पाएंगी। महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णनवीस ने बुधवार को उस फाइल को हरी झंडी दी जिसमें ललिता साल्वे ने अपना लिंग परिवर्तन कराने को लेकर सर्जरी कराने की अनुमति मांगी थी। इस मामले में बीड के मजलगांव पुलिस थाने में पदस्थ महिला कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात की थी। ललिता ने पिछले महीने ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मामले में दखल देने का अनुरोध किया था।
जून 2010 में महिला कॉन्स्टेबल के तौर पर महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुई थी
राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से महिला कॉन्स्टेबल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने भर्ती के समय खुद से जुड़ी कुछ जानकारी छिपाई। राज्य का कानून और न्याय विभाग भी साल्वे के मामले को स्पेशल केस बता चुका है। विभाग की इस संबंध में राय थी कि साल्वे को आगे पुलिस में पुरुष कॉन्स्टेबल के तौर पर काम करने देना चाहिए। साल्वे जून 2010 में महिला कॉन्स्टेबल के तौर पर महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुई थीं। साल 2017 में लिंग परिवर्तन कराने को लेकर उन्होंने एक महीने की छुट्टी भी मांगी थी। लेकिन उनकी दरख्वास्त को पुलिस मुख्यालय ने खारिज कर दिया था।
बीड जिले में वीमेंस स्क्वॉड में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं
29 वर्षीय साल्वे यहां के बीड जिले में वीमेंस स्क्वॉड में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं। वह खुद को ललिता के बजाय ललित कहना पसंद करती हैं। साल्वे को काफी साल बाद मालूम पड़ा था कि उनके शरीर में अविकसित पुरुष अंग है, जिसके बाद उन्होंने लिंग परिवर्तन कराने के बारे में सोचा और फिर सरकार के पास उसके लिए आवेदन दिया।
पुलिस विभाग से लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए अवकाश देने का अनुरोध किया था
साल्वे ने राज्य के पुलिस विभाग से लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए अवकाश देने का अनुरोध किया था। हालांकि, पुलिस विभाग ने उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया था। विभाग के मुताबिक वजन और ऊंचाई समेत योग्यता के तय मानदंड पुरूषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग हैं। इससे पहले कॉन्सटेबल साल्वे ने लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए एक महीने की छुट्टी मांगी थी। हालांकि, बीड पुलिस अधिकारियों ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद साल्वे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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