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ओडिशा में तुलसी की खेती से बहुरेंगे दिन, युवा किसान से शुरू किया नया प्रयोग

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नई दिल्ली, 9 मई। ओ़डिशा (Odisha) के क्योंझर जिले में पारंपरिक खेती से हटकर किसान नए प्रयोग कर अधिक लाभ कमा रहे हैं। किसान यहां गैर-पारंपरिक कृषि को अपना रहे हैं। जिससे कम समय और कम लागत में अधिक आय के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।

Basil Farming

क्योंझर जिले के हरिचदनपुर ब्लॉक के कप्तीपाड़ा गांव के रेमल शाही के महेश्वर महंत ने अपने खेत में 2500 से अधिक तुलसी के पौधे लगाए हैं। महेश्वर एक पढ़े-लिखे किसान हैं। वे नवयुवक हैं। कृषि में उनकी गहरी रुचि है। शुरुआत में धान और सब्जियों की पारंपरिक खेती में जब इन्हें लाभ कम हुआ तो वे अब तुलसी की खेती कर रहे हैं।

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इससे पहले वे मधुमक्खी पालन का कार्य भी कर चुके हैं। जिससे उन्हें अच्छा लाभ हुआ। मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण के दौरान ही उन्हें तुलसी की खेती के बारे में पता चला। इसके बाद महेश्वर ने तुलसी की खेती शुरू कर दी। महेश्वर का कहना है कि तुलसी के औषधीय गुणों के कारण इसका बाजार में अच्छी खासी मांग है। जिसके चलते यह अच्छे दाम में बिकती भी है। तुलसी के सामान्य 100 पेड़ों से एक लीटर अर्क निकलता है। वर्तमान में एक लीटर तुलसी के अर्क की कीमत करीब 5,000 रुपये प्रति लीटर है।

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English summary
Basil Culivation in Odisha Increasing Income Opportunities For Farmers
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