Basavaraj Bommai:वर्षों बाद कर्नाटक को सीएम के रूप में मिला नया चेहरा, जानें रोचक बातें
बेंगलुरू, 27 जुलाई। कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से सीएम पद को लेकर चल रहे विवाद पर अंतत: मंगलवार को विराम लग गया। बीजेपी विधायक दल की बैठक में बसवराज बोम्मई को विधायक दल का नेता चुना गया और लिंगायत समुदाय से आने वाले बोम्मई बुधवार को कर्नाटक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बसवराज बोम्मई येदियुप्पा कैबिनेट में गृह मंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं। आपको बता दें सालों बाद कर्नाटक की जनता को सीएम के रूप में बोम्मई के रूप में नया चेहरा देखने को मिल रहा है। इससे पहले कर्नाटक में भाजपा की सरकार में येदियुरप्पा ने ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली।
22 में से महज तीन मुख्यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए
कर्नाटक राजनीति की सबसे रोचक बात ये है कि कर्नाटक में इससे पहले विभिन्न पार्टियों की सरकार में बनाए गए 22 नेताओं में से महज तीन मुख्यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने चार अलग-अलग कार्यकाल में 10,901 दिन तक ये कुर्सी संभाली। कर्नाटक के राजनीतिक इतिहास में 9 बार ऐसे मौके आए जब मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का एक वर्ष भी पूरा नहीं कर पाए।
2007 से लेकर अब तक येदियुरप्पा ने चार बार संभाला सीएम पद
येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार 2007 में सीएम पद संभाला और जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कर्नाटक में भाजपा ने 2008 में जबरदस्त जीत हासिल की और 30 मई 2008 को येदियुरप्पा ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और प्रदेश की कमान संभाली। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बी एस येदियुरप्पा सीएम बने लेकिन 3 दिन ही उनकी सरकार टिक पाई। सदन में वो बहुमत पाने में असफल हो गए थे और सरकार गिर गई। इसके बाद चौथी बाद 6 जुलाई 2019 को येद्दयुरप्पा ने भाजपा सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए कर्नाटक की कमान संभालते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे और महज 25 2021 जुलाई को दो साल का कार्यकाल पूरा करते हुए उसी दिन सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
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कुमारस्वामी ने दो बार संभाली मुख्यमंत्री की कुर्सी
अगर बात की जाए देश के पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के बेटे और जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख एच डी कुमारस्वामी की तो ये भी कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री बने। 2006 से 2007 के मध्य कर्नाटक के 17 वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह जनता दल (सेक्युलर) के कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं। इसके बाद कांग्रेस पार्टी से गठबंधन करते हुए एच डी कुमारस्वामी ने 23 मई 2018 को कर्नाटक मुख्यमंत्री पद की दोबारा शपथ ली लेकिन 23 जुलाई 2019 को विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इनकी सरकार गिर गयी।
सिद्दारमैया 2013 में संभाली थी मुख्यमंत्री की कुर्सी, दोबारा नहीं बन पाए सीएम
कांग्रेस नेता की बात करें तो 13 मई 2013 को वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने। इससे पहले जनता दल (सेकुलर) के सदस्य के तौर पर वे दो बार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री भी रहे। 2018 में उनकी कांग्रेस पार्टी ने कुमारस्वामी की पार्टी जेडीएस से हाथ मिलाया और ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल की शर्त पर सरकार बनी लेकिन पहले इस गठबंधन में कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री पद संभाला। लेकिन ढाई साल भी ये सरकार नहीं चली और सरकार कांग्रेस के विधायकों ने बगावत कर भाजपा ज्वाइन कर ली और येदियुरप्पा ने मौके पर चौका मारते हुए बतौर मुख्यमंत्री चौथी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी हथियाने में कामयाब हो गए।
वर्षों बाद कर्नाटक सीएम के रूप में दिखेगा नया चेहरा
वहीं अब 75 वर्षीय येदियुरप्पा महज दो साल का ही कार्यकाल पूरा कर पाए कि भाजपा के अंदर उनके खिलाफ उठ रहे विरोधी सुरों के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और उनके इस्तीफे के बाद वर्षों बाद अब कर्नाटक की जनता कई वर्षों बाद मुख्यमंत्री के तौर पर बसवराज बोम्मई का नया चेहरा देखेगी। हालांकि आने वाला समय ही बताएगा कि भाजपा आलाकमान ने बोम्मई पर जो विश्वास जताया है वो उसमें खरे उतर पाएंगे या नहीं?