स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज का निधन, पीएम मोदी ने ट्विटर पर जताया शोक
अहमदाबाद। बोचासणवासी अक्षर पुरुषोत्तम संस्थान (बीएपीएस) के प्रमुख और अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कराने वाले स्वामी महाराज का शनिवार शाम 6 बजे गुजरात के सारंगपुर में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। वह बीते करीब एक साल से बीमार चल रहे थे। डॉक्टरों की एक टीम हर वक्त उनकी देखभाल के लिए रहती थी। उनका असली नाम शांतिलाल पटेल था। अक्षरधाम हमले की मोदी को पहले से थी जानकारी
उनके निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'एचएच प्रमुख स्वामी महाराज विनम्र और करुणा के प्रतिमूर्ति थे। समाज के लिए की गई उनकी सेवा को लोग हमेशा याद रखेंगे।'
HH Pramukh Swami Maharaj was a mentor to me. I will never forget my interactions with him. Will miss his presence. pic.twitter.com/p4lsx65zjY
— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2016
18 की उम्र में गृह त्यागकर धर्म का मार्ग चुना
स्वामी महाराज का जन्म 7 दिसंबर 1922 को वणोडरा जिले के चाणसद गांव में हुआ। इन्होंने महज 18 की उम्र में उन्होंने गृह त्यागकर धर्म का मार्ग चुना था। उन्हें धर्मगुरू के तौर पर जाना जाता था। इनकी अगुवाई में दुनियाभर में बीएपीएस संस्था ने 1 हज़ार से अधिक मंदिर बनवाकर गिनीज़ बुक आॅफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है।
17 हज़ार से भी अधिक गांव, शहर और कस्बों का दौरा
गुजरात के गांधीनगर और दिल्ली में यमुना के किनारे बने भव्य अक्षरधाम मंदिर स्वामी महाराज के ही नेतृत्व में बने। इन मंदिरों को देखने दुनियाभर से सैलानी जुटते हैं। स्वामी जी ने अपने जीवनकाल में 17 हज़ार से भी अधिक गांव, शहर और कस्बों का दौरा किया था।
इनकी बीएपीएस नामक कई संस्थाएं चलती हैं जो कि प्रमुख तौर पर व्यसन मुक्ति के लिए काम करती हैं। इनके जरिए अबतक लाखों लोगों की नशे की लत छुड़वाई जा चुकी है।