क्या बाबुल सुप्रियो दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं? सिंगर ने एडिट की अपनी एफबी पोस्ट, हटाया ये हिस्सा
नई दिल्ली, जुलाई 31 पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी सांसद और मशहूर सिंगर बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है। उन्हें हाल ही में मोदी सरकार में मंत्री पद से हटाया गया था। पद से हटाए जाने के कुछ सप्ताह बाद आज उन्होंने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने राजनीति छोड़ने का ऐलान फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर किया था। इस पोस्ट के लिए के एक घंटे बाद बाबुल ने अपनी उस पोस्ट को एडिट किया है। जिसके बाद ऐसे अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि क्या वे किसी और पार्टी में शामिल होने वाले हैं?
आसनसोल के सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर अपनी पहली पोस्ट जिसमें उन्होंने राजनीति को 'अलविदा' कहा था, वह शाम लगभग 4:30 बजे पोस्ट की गई थी। उन्होंने लिखा था कि, चलता हूँ, अलविदा, अपने माँ-बाप, पत्नी, दोस्तों से बात करके मैं कह रहा हूँ कि मैं अब (राजनीति) छोड़ रहा हूं। मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं। टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई (एम)...किसी ने मुझे नहीं बुलाया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम के साथ रहने वाला खिलाड़ी हूं। हमेशा सिर्फ़ एक टीम मोहन बागान का समर्थन किया है। सिर्फ़ एक पार्टी बीजेपी (पश्चिम बंगाल) के साथ रहा हूँ। बस यही है, अब चलता हूँ।
हालाँकि, वर्तमान पोस्ट को संपादित किया गया है और उसमें वह हिस्सा गायब है। जिसमें उन्होंने कहा था कि वह किसी भी पार्टी - टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआईएम, या किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके बाद राजनीतिक गलियारा में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। लोग अटकलें लगा रहे है कि कही वे किसी अन्य पार्टी में तो शामिल होने नहीं जा रहे हैं।माना जा रहा है कि उन्होंने पूरी तरह से राजनीति को नहीं छोड़ रहे हैं जैसा कि उन्होंने अपने पहले पोस्ट में दावा किया था।
मोदी सरकार ने हाल में मंत्रिमंडल का विस्तार और उसमें फेरबदल किया था तो बाबुल सुप्रियो को मंत्री पदा से हटा दिया था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी बाबुल सुप्रियो को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था लेकिन सुप्रियो करीब 50 हजार वोट के अंतर से टीएमसी के अरूप बिस्वास से हार गए थे। साल 2014 में लोकसभा सांसद बनकर संसद पहुंचने वाले बाबुल सुप्रियो अब तक कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं।
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फेसबुक पोस्ट में बाबुल सुप्रियो ने दावा किया है कि वह बहुत पहले ही राजनीति से तौबा का मन बना चुके थे, बस इसलिए हिचक रहे थे कि लोग गलत मतलब न निकालने लगें, उसे सौदेबाजी के लिए कोई पैंतरा न समझने लगें। तो क्या सचमुच वह राजनीति से संन्यास का फैसला काफी पहले ही ले चुके थे, जैसा कि वह दावा कर रहे हैं? सच्चाई को उनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता लेकिन कई बातें उनके दावे पर सवाल उठाती हैं। राजनीति से संन्यास का मन बना रहा कोई मौजूदा सांसद भला विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए क्यों तैयार होगा?