बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अदालत से 31 अगस्त तक फैसला सुनाने को कहा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के केस में सीबीआई अदालत से 31 अगस्त तक फैसला सुनाने को कहा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की स्पेशल सीबीआई अदालत के लिए मुकदमें की डेडलाइन तय करते हुए कहा है कि 31 अगस्त 2020 तक सुनवाई पूरी करके फैसला सुना दीजिए। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सीबीआई कोर्ट को ये आदेश दिया है।
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मस्जिद गिराने के आरोप में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस केस में जो चार्जशीट दाखिल की गई थी कि उसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती के अलावा कल्याण सिंह, अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे नाम शामिल थे। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इन लोगों पर आपराधिक साजिश कर 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने का मामला चल रहा है।
पहले तय मियाद के मुताबिक अप्रैल में लखनऊ की निचली अदालत को फैसला दे देना था। स्पेशल जज एस के यादव ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर और समय बढ़ाने की मांग की थी। 20 अप्रैल को ही 9 महीने की सीमा पूरी हो चुकी है। कहा गया कि अभी भी सभी गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा बढ़ाते हुए कहा कि बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी दर्ज किए जाएं और ये सुनिश्चित किया जाए कि 31 अगस्त तक फैसला आ जाए।
इससे पहले 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की साजिश की सुनवाई कर रहे लखनऊ की सीबीआई कोर्ट के विशेष जज को निर्देश दिया था कि वो नौ महीने में ट्रायल पूरा कर फैसला सुनाएं। साथ ही पीठ ने 30 सितंबर को रिटायर हो रहे सीबीआई जज एसके यादव के कार्यकाल को भी ट्रायल पूरा होने तक बढ़ाने का आदेश जारी किया था।
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