आयुर्वेदिक डॉक्टरों के सर्जरी करने को लेकर आयुष मंत्रालय ने दी सफाई, सिर्फ 58 प्रकार के ऑपरेशन का ही है परमिशन
नई दिल्ली। आयुर्वेद के डॉक्टर भी अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ साथ आंख, कान और गले की सर्जरी करेंगे। सुबह से ही ये खबर सुर्खियों में है और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। आयुष मंत्रालय की तरफ से अब इस संबंध में स्पष्टिकरण दिया है। मंत्रालय ने साफ कहा है कि सरकार ने कोई नया नियम लागू नहीं किया है। साल 2016 में ही इसकी घोषणा कर दी गई थी। एक सबसे महत्वपूर्ण बात आयुष मंत्रालय ने जोड़ा है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि 58 स्पेशल सर्जन डॉक्टर हैं, केवल उन्हें ही सर्जरी की अनुमति होगी।
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बाकी कोई भी डॉक्टर सर्जरी नहीं करेगा। मंत्रालय ने ये स्पष्टिकरण इसलिए दी है क्योंकि ये खबर आने के बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि कोई भी डॉक्टर जिसके पास मान्यता हो वो सर्जरी कर सकता है। आपको बता दें कि आयुर्वेद के विद्यार्थियों को अभी सर्जरी की शिक्षा दी जाती थी लेकिन सर्जरी करने के अधिकारों को सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया था। सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब आयुर्वेद के सर्जरी में पीजी करने वाले छात्रों को आंख, नाक, कान, गले के साथ ही जनरल सर्जरी के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इन छात्रों को स्तन की गांठों, अल्सर, मूत्रमार्ग के रोगों, पेट से बाहरी तत्वों की निकासी, ग्लुकोमा, मोतियाबिंद हटाने और कई सर्जरी करने का अधिकार होगा।
कोरोना के बाद की समस्याओं से निपटने के लिए आयुर्वेद और योगा है बेहतरीन उपाय
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि आयुर्वेद, योग और अन्य प्रणालियां पूरी दुनिया के लिए कोरोना महामारी की कठिनाइयों से निपटने में काफी मददगार साबित होंगी।
शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के संकट को प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए निवारक उपायों पर अधिक जोर देने के साथ स्वास्थ्य सेवा वितरण का एक नया मॉडल आवश्यक है। महामारी का गहरा असर समाज और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में मूलभूत बदलाव लाएगा।
संसदीय रिपोर्ट में बड़ी सच्चाई आई सामने, कोरोना के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों ने जमकर 'लूटा'