मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दिए जाने को लेकर हिंदू महासभा के वकील का बड़ा बयान
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 3-4 महीने के भीतर सेंट्रल गवर्नमेंट ट्रस्ट की स्थापना के लिए योजना तैयार करे और विवादित स्थल को मंदिर के निर्माण के लिए सौंप दे। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को दूसरे स्थान पर 5 एकड़ जमीन दी जाए। कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या में पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए दिया जाए, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि मस्जिद के लिए यह जमीन उस 63 एकड़ के इलाके में देनी है जिसका सरकार ने विवादित स्थल के आस-पास अधिग्रहण किया है।
जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या की किसी अहम जगह पर दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को इस बात का फैसला लेना होगा कि वह मस्जिद निर्माण के लिए कहां जमीन दी जानी है। लेकिन यह जगह अयोध्या की किसी अहम जगह पर होनी चाहिए। वहीं एक और वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विविधता में एकता का संदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा 2010 में दिए गए फैसले के खिलाफ दायर तमाम याचिकाओं पर सुनवाई की। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़ा, हिंदू पक्षकार, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और राम लला के पक्षकारों के बीच जमीन को बराबर हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था। जिसके बाद तमाम पक्षों ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीस जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने की थी।