अयोध्या विवाद: नक्शा फाड़ने को लेकर राजीव धवन के खिलाफ बार काउंसिल में शिकायत
नई दिल्ली। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने वकील राजीव धवन के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत की है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के जमीन विवाद की सुनवाई के दौरान नक्शा और दस्तावेज फाड़ने के मामले को लेकर ये शिकायत की गई है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह से मिले नक्शे को फाड़ दिया था। इसके लिए हिन्दू महासभा ने बार काउंसिल से धवन पर कार्रवाई की मांग की है। राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। अयोध्या के विवादित मामले में वे सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील हैं।
अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में बुधवार (16 अक्टूबर) को सुनवाई का आखिरी दिन था। मामले में अदालत ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में कुछ गर्मागर्मी भी देखने को मिली। हिन्दू महासभा के वकील ने राम मंदिर से जुड़ा एक नक्शा और दस्तावेज सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन को सौंपे, जिसे उन्होंने अदालत में ही फाड़कर फेंक दिया। इस पर चीफ जस्टिस खफा हो गए और कहा कि ये होगा तो हम उठकर चले जाएंगे। इस पर राजीव धवन ने कहा, दस्तावेज हाथ में लेकर मैंने आपसे (चीफ जस्टिस) कहा कि मैं इसे फाड़ना चाहता हूं। आपने कहा आपकी मर्जी है तो मैंने फाड़ दिया। अब मीडिया में चल रहा है कि चीफ जस्टिस के कहने पर मैंने कागज फाड़े। इस पर सीजेआई गोगोई ने कहा, स्पष्टीकरण हो गया। आप कह सकते हैं कि मेरे कहने पर ही आपने कागज फाड़े।
हिन्दू महासभा के वकील विकास सिंह ने ये नक्शा पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब 'अयोध्या रीविजिटेड' से लिया था, ज 2016 में प्रकाशित की गई थी। किताब को रिकॉर्ड की तरह पेश करने की दरख्वास्त हिन्दू महासभा के वकील ने अदालत से की थी। किताब में विवादित जमीन से जुड़े तीन नक्शे हैं।
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन के विवाद पर सुनवाई कर रहा है। जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला का दावा है। ये मामला काफी पुराना है। 2010 में इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमीन को तीनो पक्षों के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था। इससे नाखुशी जताते हुए तीनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे थे।
अयोध्या विवाद: राजीव धवन ने फाड़े जिस किताब से लिए दस्तावेज और नक्शा, उसके लेखक क्या बोले