अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर दिलीप कुमार ने नवाज से कारगिल की जंग के समय की थी बात, कहा-आपसे यह उम्मीद नहीं की थी
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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब नहीं हैं लेकिन उनके राजनीति जीवन के इतने किस्से हैं जिन्हें सुनने के लिए शायद कई दिन कम पड़ जाएंगे। इन किस्सों में से ही एक किस्सा कारगिल की जंग से जुड़ा है। जिस समय कारगिल की जंग चल रही थी नवाज ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली हुई थी। इस जंग के बीच ही एक ऐसा दिन भी आया जब बॉलीवुड के लीजेंड्री एक्टर दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ को फोन किया। दिलीप ने उनसे बात की और उन्होंने नवाज को साफ-साफ बताया कि जो कुछ भी उन्होंने किया है वह अच्छा नहीं है। ये भी पढ़ें-वाजपेयी से नवाज ने कहा, 'साहब, आप यहां चुनाव जीत सकते हैं'
अचानक किया वाजपेयी ने शरीफ को फोन
इस किस्से का जिक्र पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी की किताब 'नीदर ए हॉक नॉर ए डव,' में किया गया है। कसूरी ने अपनी किताब में कारगिल की जंग के समय नवाज शरीफ के प्रधान सचिव रहे सईद मेहदी के हवाले से इस किस्से को बयां किया है। कसूरी ने लिखा है कि कारगिल वॉर के समय उस समय के भारतीय पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज शरीफ से शिकायत की थी कि उन्होंने भारत की पीठ पर छुरा भोंक कर अच्छा नहीं किया है। कसूरी ने लिखा है कि सईद ने उन्हें बताया कि मई 1999 में जब कारगिल की जंग शुरू हुई एक दिन वह पीएम शरीफ के साथ बैठे थे कि अचानक फोन की घंटी बजी। शरीफ के एडीसी ने उन्हें बताया कि पीएम वाजपेयी उनसे तुरंत बात करना चाहते हैं।
वाजपेयी ने कहा आपने दिया धोखा
बातचीत के दौरान वाजपेयी ने शरीफ से शिकायत की कि लाहौर में उन्हें बुलाने के बाद शरीफ ने उन्हें इतना बड़ा धोखा दिया। यह बात वाजपेयी ने इसलिए कही थी क्योंकि फरवरी 1999 में ही वह लाहौर तक बस ले गए थे और शांति की पहल की गई थी। कसूरी की इस किताब के मुताबिक शरीफ को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि वाजपेयी उनसे क्या कह रहे हैं। उन्होंने उस समय वाजपेई से वादा किया कि तत्कालीन पाक आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ के साथ बात करके वह वाजपेयी को फोन करेंगे। उनकी बात खत्म होती इससे पहले वाजपेयीने शरीफ से कहा कि वह चाहते हैं कि वह एक और शख्स से बात करें। कसूरी के मुताबिक शरीफ दिलीप कुमार की आवाज सुनकर हैरान थे।
दिलीप कुमार की आवाज सुन चौंके शरीफ
दिलीप कुमार ने फोन पर नवाज से कहा, 'मियां साहब, हमने आप से यह उम्मीद नहीं की थी। आप हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की बात करते आए हैं।' दिलीप कुमार जो कि पाकिस्तान के पेशावर के रहने वाले हैं, पाक के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित हो चुके हैं। कसूरी ने अपनी किताब में लिखा है कि दिलीप कुमार ने शरीफ से कहा कि इस तनाव की वजह से भारत में रहने वाले मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वे अपने घरों को छोड़ने में कई तरह के डर और मुश्किलों को महसूस कर रहे हैं। ऐसे में शरीफ को इन हालातों को काबू में लाना होगा।