असम में CAB पर बवाल जारी, फायरिंग से 17 साल के लड़के की मौत,लोगों ने बताया शहीद
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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल 2019 को लेकर असम में बवाल जारी है। भारी विरोध और प्रदर्शन हो रहा है। पुलिस को फायरिंग के लिए मजबूर होना पड़ा है। लोगों के उग्र प्रदर्शन और पुलिस की फायरिंग के बीच असम में स्थिति गंभीर होती जा रही है। असम की राजधानी गुवाहाटी में हतीगांव में प्रदर्शन के दौरान हुई फायरिंग में 17 साल के सैम स्टेफर्ड की मौत हो गई है।
सैम हाईस्कूल का छात्र था और एक ड्रमर था। संगीत से उसे प्यार था और इसलिए जब तलासील प्लेग्राउंड में जब प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारियों को एकजुट करने पहुंचे तो उसके शो को देखने के लिए सैम अपने परिवार से लड़कर वहां पहुंच गया। सैम बहुत की अच्छा ड्रम बताया था और जुबीन का बहुत बड़ा फैन था। सैम की बहन के मुताबिक वो तो जानता भी नहीं था कि नागरिकता बिल में क्या है और लोग क्यों उसका विरोध कर रहे हैं। वो तो सिर्फ जुबीन गर्ग को सुनने के लिए वहां पहुंचा था। उसके परिवार ने उसे रोका था कि बाहर माहौल ठीक नहीं है, इसलिए वो न जाए, लेकिन सैम नहीं माना ।
तलासील प्लेग्राउंट से शो देखने के बाद जब वो घर के लिए लौट रहा था को गोलीबारी के दौरान उसकी मौत हो गई। इस प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में एक गोली सैम को भी लगी। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वो बच न सका। इस प्रदर्शन में जान गवाने वाले 17 साल के सैम को लड़के को दफनाने के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई। स्थानीय लोगों ने उसे 'शहीद' बता दिया।
सैम
स्टेफोर्ड
के
पिता
ने
आरोप
लगाया
कि
चार
पहिया
गाड़ी
पर
आए
कुछ
लोगों
ने
देर
शाम
नामगढ़
में
लोगों
के
समूह
पर
गोलीबारी
कर
दी,
जिसमें
उनका
बेटा
भी
मारा
गया।
सैम
की
याद
में
उसके
घर
से
लेकर
लेकर
नामघर
तक
स्थानीय
लोगों
ने
गलियों
में
मोमबत्तियां
और
मिट्टी
के
दिये
जलाए।
सैम
के
परिवार
के
सदस्य,
दोस्त
और
ऑल
असम
स्टूडेंट्स
यूनियन
(आसू)
के
कार्यकर्ताओं
ने
शनिवार
शाम
चौराहे
पर
जमा
होकर
सैम
की
याद
में
मोमबत्तियां
और
मिट्टी
के
दिये
जलाकर
उसे
याद
किया।
आपको
बता
दें
कि
असम
अपने
इतिहास
में
सबसे
हिंसक
दौरों
में
एक
से
गुजर
रहा
है।
वहां
रेलवे
स्टेशन,
कुछ
डाकघर,
बैंक,
बस
टर्मिनल
और
कई
अन्य
सार्वजनिक
संपत्तियां
जला
दी
गई
है।
प्रदर्शन
उग्र
होता
जा
रहा
है।