असम में मॉब लिंचिंग के पीड़ित ने कहा 'मुझे पीटा... ठीक है लेकिन जबरदस्ती सुअर का मांस क्यों खिलाया?'
नई दिल्ली। हाल ही में असम के बिस्वनाथ जिले से एक दर्दनाक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में 68 साल के एक शख्स शौकत अली को गौमांस बेचने के आरोप में भीड़ ने न सिर्फ पीटा था बल्कि उसे सजा देने के लिए सुअर का मांस खाने को भी मजबूर किया था। घटना को याद करते हुए शौकत अली ने कहा- उन्होंने मुझे पीटा ठीक है लेकिन जबरदस्ती सुअर का मांस क्यों खिलाया? हम वहां गाय का मांस इसलिए बेचते हैं क्योंकि हिंदू लोग वहां नहीं खाते।
'जो हुआ उससे अच्छा तो वह मर ही जाता मेर भाई'
शौकत के भाई ने भावुक होते हुए कहा कि- 'अगर उन्हें लगता था कि मेरे भाई ने गलत किया तो पुलिस को बुलाते लेकिन उन्होंने उसे सुअर का मांस क्यों खिलाया? हम सभी की अपनी अपनी श्रद्धा होती है। उसके साथ जो हुआ उससे अच्छा तो वह मर ही जाता।' अली ने कहा कि मुझे भावनात्मक चोट पहुंची है क्योंकि मेरे धर्म पर निशाना साधा गया। मेरे पिता ने ये दुकान 40 साल चलाई। सब जानते थे मगर किसी ने इसके खिलाफ कुछ नहीं कहा। वे लोगों के खिलाते खिलाते मर गए।'
'अब सिर्फ मुर्गा और मछली ही बेचूंगा'
अली दोबारा उस बाजार में दुकान खोलने जा सकते हैं लेकिन गोमांस नहीं बेच सकेगा। उसने कहा कि 'महालदार ने कहा कि मैं जा सकता हूं लेकिन गोमांस नहीं बेच सकता। ठीक है मैं अब सिर्फ मुर्गा और मछली ही बेचूंगा।'
जान का भीख मांग रहा था शौकत अली
इस पूरे मामले का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। वीडियो में शौकत अली घुटनों पर बैठा है अपनी जान का भीख मांग रहा है। पीड़ित के कपड़े बुरी तरह मिट्टी में सने हैं।वीडियो में लोगों को कहते सुना जा रहा है कि क्या तुम बांग्लादेशी हो? क्या एनसीआर में तुम्हारा नाम दर्ज है? बता दें कि असम में एनसीआर के जरिए अवैध निवासियों का पता लगाया जा रहा है।
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