असम में भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी से ईवीएम मिलने के मामले में EC ने जारी की रिपोर्ट, बताया क्या हुआ था
गुवाहाटी। गुरुवार को हुए दूसरे चरण के मतदान के बाद असम में एक भाजपा विधायक की कार से ईवीएम मिलने से के बाद उठ रहे सवालों का चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। आयोग ने इस मामले को लेकर एक फैक्चुल रिपोर्ट जारी की है। अपनी इस रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि इस मामले में एक पीठासीन अधिकारी समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। मामले की विशेष पर्यवेक्षक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने रताबारी विधानसभा सीट पर इंदिरा एमवी स्कूल के पोलिंग बूथ नंबर 149 पर दोबारा मतदान कराने का भी फैसला लिया है।
क्या कहा है चुनाव आयोग ने?
आयोग ने बताया है कि इंदिरा एमवी स्कूल में मतदान के बाद पोलिंग पार्टी लौट रही थी। उनके साथ पुलिसकर्मी और होमगार्ड भी थी। काफी रात हो चुकी थी और तेज बारिश के चलते रास्ते भी खस्ता हालत में थे। पोलिंग पार्टी की गाड़ी खराब हो गई थी जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने एक गाड़ी का इंतजाम किया। किसी तरह से इस गाड़ी में बैठकर जब पार्टी निकली तो स्थानीय लोगों की भीड़ ने गाड़ी रोक ली। भीड़ ने पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से भी उतार लिया। 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ की ओर से पत्थरबाजी की गई, जिसमें कार के शीशे टूट गए। भीड़ का कहना था कि गाड़ी बीजेपी विधायक की है और ईवीएम को टैंपरिंग के लिए ले जाया जा रहा है। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। यहां करीमगंज एसपी को भीड़ को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, उन्होंने हवा में गोलियां भी चलाईं। जिसके बाद ईवीएम को सुरक्षित पहुंचाया गया।
चुनाव आयोग ने कहा है कि जांच में सभी ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित पाई गई हैं। उनकी सील नहीं टूटी है। आयोग ने बताया कि ईवीएम समेत बीयू, सीयू और वीवीपैट को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित जमा कर दिया गया था। आयोग मामले की अभी आगे भी जांच कर रहा है।