विधानसभा चुनाव से पहले राज्यपाल ने असम को घोषित किया 'अशांत क्षेत्र', प्रदेश में AFSPA लागू
दिसपुर। असम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के राज्यपाल जगदीश मुखी ने प्रदेश को 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया है। राज्यपाल के इस ऐलान के बाद असम में आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) एक्ट (एफएसपीए), 1958 की धारा 3 के तहत सुरक्षाबलों को विशेष शक्तियां मिल गई हैं। एफएसपीए कानून के तहत सुरक्षाकर्मियों को तलाशी अभियान चलाने और किसी को भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने की अनुमति है। बता दें कि एफएसपीए के प्रावधान पूर्वोत्तर के केवल सात राज्यों में लागू हैं।
सशस्त्र बलों को मिलने वाली विशेष शक्तियां आर्म्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) एक्ट (एफएसपीए), 1958 के तहत राज्यपाल जगदीश मुखी ने प्रदेश को अशांत क्षेत्र घोषित किया है। राज्य सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि एफएसपीए के तहत असम के राज्यपाल ने 27 फरवरी, 2021 से छह महीने तक पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया है। राज्यपाल की अनुमति होगी तो इस एक्ट की अवधि को पहले भी खत्म किया जा सकता है। बता दें कि इससे पहले राज्यपाल जगदीश मुखी ने पिछले वर्ष 28 अगस्तर को पूरे राज्य को छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया था। वर्तमान आदेश इसी फैसले का विस्तार है।
हालांकि विस्तार के पीछे की वजह पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, सरकारी सूत्रों ने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी राज्यपाल को असम में AFSPA का विस्तार करने के लिए प्रेरित करने की एक वजह हो सकती है। गौरतलब है कि राज्यपाल मुखी ने यह फैसला मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में पांच अलग-अलग विद्रोही संगठनों के 1040 उग्रवादियों के सरेंडर के बाद लिया है। आपको बता दें कि असम के अलावा AFSP नागालैंड और मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है।
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