हिमंत बिस्वा सरमा बोले, महिलाओं को 30 से पहले शादी कर लेनी चाहिए, सही उम्र में बच्चे पैदा करने चाहिए
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि महिलाओं को 30 से पहले कर लेनी चाहिए शादी और सही उम्र में बच्चे पैदा करने चाहिए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा एक बार फिर से अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि महिलाों को सही उम्र में 22-30 वर्ष के बीच मां बन जाना चाहिए। अपने इस बयान की वजह से हिमंत विवादों में घर गए हैं, उनकी आलोचना हो रही है। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए सबसे अच्छा है कि वह 22-30 साल की उम्र में मां बन जाएं। अगर महिलाएं ऐसा करती हैं तो यह काफी अच्छा होगा ना सिर्फ उनके लिए बल्कि बच्चे के लिए भी। यही नहीं उन्होंने सुझाव दिया कि जो महिलाएं 30 की होने वाली हैं उन्हें जल्दी शादी कर लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर को कम करने पर बोल रहे थे। इस दिशा में सरकार की ओर से जो कदम उठाए गए हैं इसकी मुख्यमंत्री ने तारीफ की। उन्होंने कहा कि जल्दी शादी और सही उम्र में गर्भवती नहीं होना इसकी एक बड़ी वजह है। इसकी वजह से मां और बच्चों की मृत्यु अधिक होती है. हम कानूनी कदम उठा रहे हैं जो लोग नाबालिगों की शादी करा रहे हैं उनके खिलाफ। मै कहना चाहूंगा कि महिलाओं को मेरा सुझाव है कि वह 30 वर्ष की उम्र से पहले मां बन जाएं, इसके बाद महिलाओं को दिक्कत होती है
हिमंत ने कहा कि कम उम्र में महिलाओं के मां बनने पर लगातार बोलते हैं, लेकिन इसके साथ ही महिलाओं को बहुत लंबे समय तक भी इंतजार नहीं करना चाहिए। भगवान ने इस शरीर को इस तरह से बनाया है कि हर चीज की सही उम्र होती है। बता दें कि पिछले हफ्ते कैबिनेट ने फैसला लिया था कि जो पुरुष 14 साल से नीचे की लड़कियों से शादी करते हैं उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। जो पुरुष 14-18 वर्ष की उम्र की लड़कियों से शादी करते हैं उनके खिलाफ बाल विवाह एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करकते हुए महिला एक्टिविस्ट ने कहा कि उन्हें मोरल पुलिसिंग नहीं करनी चाहिए। वकील और सोशल एक्टिविस्ट पोल्मी नाग ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बारे में ज्यादा सोचना चाहिए कि लोगों को रौजगार कैसे दें ताकि लोग बच्चे पैदा कर सकें, शादी कर सकें। हमे इस बारे में बात करना जरूरी है कि नाकि महिलाओं को यह सुझाव देना कि 30 साल से पहले शादी करें और बच्चे पैदा करें। हमारे मुख्यमंत्री वकील हैं, डॉक्टर नहीं, उन्हें ऐसे बयान देने से पहले कुछ पढ़ लेना चाहिए।
सिल्चर की पत्रकार शुभम सुरिता ने कहा कि महिलाो को अक्सर नौकरी से इसलिए बाहर किया जाता है क्योंकि वह गर्भवती होती हैं, उन्हें छुट्टी नहीं मिलने की वजह से नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है। जो सत्ता में हैं उन्हें ऐसे बयान देने से पहले दो बार सोचना चाहिए। एक अन्य एक्टिविस्ट अनुरुता हजारिका ने कहा कि सरकार को अन्य अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा और सेक्स एजूकेशन मुहैया कराने के बारे में सोचना चाहिए।
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