भाजपा नेता का विचित्र बयान, कहा- पेट्रोल 200 रुपये होने पर बाइक्स पर मिलेगी ट्रिपलिंग की अनुमति
गुवाहाटी, 19 अक्टूबर: देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें हर दिन नई उचांईयां छू रही हैं। लगातार बढ़ रही कीमतों से लोग बुरी तरह परेशान है। मोदी सरकार में बढ़ रही तेल की कीमतों के चलते बीजेपी नेता लगातार विरोध का सामना कर रहे हैं। सरकार के इस कदम का बचाव करने में दिक्कतें हो रही है। जिसके चलते नेता अजीबो गरीब बयान दे रहे हैं। असम भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता ने कहा कि राज्य में पेट्रोल की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर तक जाने पर दोपहिया वाहनों पर ट्रिपलिंग(तीन लोगों की सवारी) की अनुमति दी जाएगी।
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता ने कहा कि, राज्य में पेट्रोल की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर होने के बाद दोपहिया वाहनों पर तीन लोगों को चलाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कथित तौर पर निचले असम के तामूलपुर में एक कार्यक्रम में ये विचित्र बयान दिया। भाबेश कलिता को इस साल जून में राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
कांग्रेस ने असम भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता के इस विचित्र बयान पर हैरानी जाहिर की है। असम कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष बोबीता शर्मा ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि, यह गंभीर चिंता का विषय है और सत्तारूढ़ भाजपा के अध्यक्ष भाबेश कलिता इस तरह के अजीबोगरीब बयान दे रहे हैं। क्या उन्होंने मजाक में बयान दिया था या वे मजाकिया बनना चाहते थे? या क्या उन्होंने वास्तव में इसे गंभीरता से कहा था?
शर्मा ने कहा कि इसका कारण जो भी हो, ईंधन की बढ़ती कीमतों पर वह इस तरह के अविश्वसनीय बयान दे रहे हैं। यह ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण आम लोगों को होने वाली कठिनाई के प्रति गहरा अनादर और असंवेदनशीलता है। उन्होंने कलिता को उस विरोध की याद दिलाई जो भाजपा ने एक विपक्षी दल के रूप में तब किया था जब पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से नीचे थीं।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि, क्या उन्हें वह 'अच्छे दिन' भी याद हैं जिसका वादा पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था? क्या उन्हें याद है कि कैसे केंद्र और राज्य में भाजपा नेतृत्व गैस सिलेंडर के साथ बैठकर प्याज की माला पहनता था? क्या उन्हें याद है कि वे कैसे विरोध में बैलगाड़ियों की सवारी करते थे? ईंधन और गैस सिलेंडर की कीमत की स्थिर दर रखने के बजाय, वे इसे दिन-ब-दिन बढ़ा रहे हैं। वह भी तब जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत कम हो रखी है, लेकिन इसका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा है।