अरविंद केजरीवाल ने मोदी सेना को कहा 'गुंडों की सेना'
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सुरक्षा वापस लेने को कहा है। आप प्रत्याशी ने पत्र में कहा है कि उन्हें सुरक्षा नहीं चाहिए, बल्कि जरूरी यह हो गया है कि काशी की जनता को भाजपा के 'गुंडों' से बचाया जाए। केजरीवाल ने जिलाधिकारी द्वारा दो मई को भेजे उस पत्र का जवाब दिया है, जिसके साथ पुलिस उपाधीक्षक प्रज्ञान की भेजी रिपोर्ट संलग्न है।
केजरीवाल ने पुलिस उपाधीक्षक की इस रिपोर्ट पर घोर आपत्ति की है, जिसमें कहा गया है कि वह भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोल रहे हैं, जिससे पुलिस को उनकी सुरक्षा करने में परेशानी हो रही है। उन्होंने पत्र में कहा है, "सभी पुलिसकर्मियों को काशी की जनता की सुरक्षा में लगाया जाए। मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। काशी की जनता मेरी सबसे बड़ी सुरक्षा है। काशी के लोग मुझे बहुत प्यार करने लगे हैं। काशी में मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बाबा विश्वनाथ का मुझ पर आशीर्वाद है, फिर किस बात का डर!"अरविंद ने जिलाधिकारी से कहा है, "आप काशी की जनता को भाजपा के गुंडों से बचाइए, मेरी सुरक्षा की चिंता छोड़ दीजिए।"
नहीं गल रही है अरविंद की दाल:
जुबान दिया है तो रि कटा देंगे लेकिन कदम नरहीं पीछे हटाएंगे बात को सिद्ध करने के उद्देश्य से अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से मोदी के खिलाफ नामांकन तो कर दिया है लेकिन अब उन्हें भी धीरे-धीरे इस बात का एहसास हो हरा है कि यहां उनकी दाल गलना थोड़ा सा मुश्किल है। वाराणसी में आने के बाद अरविंद के वहीं पुराने आरोप उनका पीछा अभी तक कर रहे हैं। मीडिया में इस बात का खुलासा भी हो चुका है कि आप समर्थक गंगा नदी का उपयोग शौचालय के लिए कर रहे थे और वहां अय्याशी का अड्डा भी बना दिया था। अरविंद ने अपनी नुक्कड़ सभाओं को करते हुए इस बात को भी स्वीकारा था कि यहां मोदी लहर तो है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वो क्यों मोदी को वोट दे रहे हैं। हालांकि 12 मई को मतदान के दिन इस बात का भी एहसास लोगों को हो जाएगा कि कांग्रेस के अजय राय, भाजपा के नरेंद्र मोदी और आप के अरविंद केजरीवाल में कौन असली रेस जीत रहा है?