अरुण जेटली ने आर्टिकल 35A पर दिया बड़ा बयान, बोले- जम्मू-कश्मीर में विकास को रोकता है
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने जम्मू-कश्मीर में लागू आर्टिकल 35A को लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया। जेटली ने कहा कि आर्टिकल 35A ने राज्य के लोगों को एक बढ़ती अर्थव्यवस्था, आर्थिक गतिविधियों और नौकरियों से वंचित कर दिया है। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर इसके प्रति हल्का रुख अपनाने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि राज्य में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ यहां विधानसभा चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है। जबकि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश ,सिक्किम और ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं।
जेटली ने अपने ब्लाग में लिखा कि आर्टिकल 35A को साल 1954 में संविधान में विशेष रूप से शामिल किया गया। अनुच्छेद 35 राज्य सरकार को नागरिकों के बीच भेदभाव करने का हक देता है। जम्मू और कश्मीर में लाखों लोग लोकसभा चुनावों में वोट करते हैं लेकिन अन्य चुनावों में नहीं। उनके बच्चे सरकारी नौकरी नहीं ले सकते हैं। उनके पास अपनी संपंति नहीं हो सकती है। यहां तक कि उनके बच्चे सरकारी संस्थाओं में ए़डमिशन नहीं ले सकते हैं। यहां की महिलाओं को बाहर शादी करने पर उनके उत्तराधिकारी विरासत में संपत्ति हासिल नहीं कर सकते है। उन्हें उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। कोई भी निवेशक उद्योग, होटल, निजी शिक्षण संस्थान या निजी अस्पताल यहां स्थापित करने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि वह राज्य में भूमि या संपत्ति नहीं खरीद सकता है और ना ही उसके उत्तराधिकारी कर सकते हैं। गौरतलब है कि राज्य में लागू आर्टिकल 35A भाजपा और विपक्षी दलों के बीच एक भयंकर राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। बीजेपी और उसके कुछ सहयोगी चाहते हैं कि इस आर्टिकल को कमजोर किया जाए जबकि विपक्ष ने सरकार को ऐसा करने पर चेतावनी दी है।