नेपाल में 900 कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्री फंसे, 250 बचाए गए
काठमांडू। नेपाल के हिल्सा पहाड़ी क्षेत्र से करीब 250 से ज्यादा मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया हालांकि 900 यात्री अभी फंसे हुए हैं। मानसरोवर यात्रियों के बचाव अभियान को लेकर काठमांडू में नेपाली सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि, सुरखेत में खराब मौसम के चलते 3 जुलाई को कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया। हालांकि सिविल ऑपरेटर्स ने सिमिकोट और नेपालगंज में अपना काम किया। बचाव अभियान में बुजुर्गों और बीमारों को प्राथमिकता दी जा रही है।
भारतीय दूतावास ने यहां एक बयान में बताया कि अन्य 336 लोगों को सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया गया है। भारतीय मिशन नेपालगंज-सिमिकोट-हिल्सा सेक्टर पर स्थिति पर नजर रख रहा है और इलाके से फंसे भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को निकालने के लिए सभी मुमकिन उपाय कर रहा है। हिल्सा-सिमिकोट सेक्टर में हेलीकॉप्टरों ने 50 उड़ानें भरीं और करीब 250 लोगों को हिल्सा से निकाला।
हिल्सा-सिमिकोट में लगभग 900 तीर्थयात्रियों को फंसे हुए हैं। सिमिकोट एक मुख्यालय मुख्यालय है इसलिए वहां कोई समस्या नहीं है, लेकिन हिल्सा 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर है, इसलिए सिविल ऑपरेटर हिल्सा से सिमिकोट में यात्रियों को निकाला जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि 17 वाणिज्यिक उड़ानों और नेपाल सेना के तीन हेलीकॉप्टरों और एक छोटे चार्टर्ड हेलीकॉप्टर ने आज दिन में उड़ानें भरीं और 336 लोगों को सिमिकोट से सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया।
दूतावास ने तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पहले ही हॉटलाइन बना दी है जिसमें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषी कर्मचारी भी हैं।