एक बार फिर सेना बनाम महबूबा मुफ्ती: सीएम ने कहा सेना के एनकाउंटर में मारे गए चार लोग आम नागरिक, आतंकी नहीं
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार शाम को सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों की फायरिंग के जवाब में सेना के जवानों की जवाबी कार्रवाई की थी और एक आतंकी सहित 3 अन्य को मार गिराया था। सेना का कहना था कि ये तीन लोग आतंकियों के मददगार थे। लेकिन सोमवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इस पूरे मामले में एक बार फिर सेना और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आमने सामने आ गए हैं। सेना मरने वालों को आतंकियों के साथी बताने की कोशिश कर रही है तो हुर्रियत नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मरने वालों को आम नागरिक बताया है।
हुर्रियत के आह्वान पर आज कश्मीर बंद भी रहा और कई स्थानों पर जम कर हिंसा भी हुई। महबूबा मुफ्ती ने शोपियां जिले में 'जवाबी गोलीबारी 'में आम नागरिकों के मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया। महबूबा ने ट्वीट किया, 'शोपियां में जवाबी गोलीबारी के बीच फंसे कुछ और आम नागरिकों की मौत की घटना से बेहद दुखी हूं। मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।'
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक शव की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आशिक हुसैन भट्ट के रूप में हुई है और उसका शव सोमवार को सैदपोरा क्षेत्र से बरामद किया गया। वह 13 नवंबर 2017 से लापता था। उन्होंने बताया, 'शुरुआती जांच से पता चला है कि भट्ट की मौत रविवार को पुन्हू गांव में हुई मुठभेड़ के दौरान हुई। जांच जारी है।'
मेजर आदित्य आर्मी अफसर, कोई आतंकी नहीं- सुप्रीम कोर्ट
शोपियां फायरिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नया आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस केस में मेजर आदित्य के खिलाफ उसकी अगली सुनवाई से पहले कोई कार्रवाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल की तारीख अगली सुनवाई के लिए तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मेजर आदित्य एक आर्मी अफसर हैंं कोई आतंकवादी नहीं।