डेढ़ करोड़ की नौकरी छोड़ बेरोजगार युवाओं के लिए बनाया ऐप
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कानपुर। अमूमन कोई भी शख्स चाहता है कि वो अपने जीवन में एक मुकाम हासिल करे और परिवार समेत अपने सपनों को पूरा कर सके। इसलिए वो कड़ी मेहनत करता है। हालांकि कुछ लोग दुनिया के बने बनाए मानकों को तोड़ते हैं। उनके लिए अपने नहीं बल्कि दूसरों के सपने और जरूरतें मायने रखती हैं। कुछ ऐसे ही हैं 26 साल के राहुल पटेल। राहुल ने सवा करोड़ के पैकेज छोड़ कर समाज के कमजोर तबके के लोगों की मदद करना ही अपना करियर मान लिया। एक समाचार पत्र के अनुसार राहुल ने कहा कि आज के समय में हर कोई अपने लिए सारी मेहनत करताहै लेकिन उनके लिए कोई कुछ नहीं करता जो सही समय पर सही जानकारी ना मिलने की वजह से समाज में पीछे छूट जाते हैं। इसिलए मैंने उन लोगों की मदद के लिए खुद को लगा दिया।
IIT गुवाहाटी से कैमिकल ट्रेड में बीटेक की पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी राहुल नेक कहा कि वो बचपन से ही समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। वो शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छे रहे है। इनकी पढ़ाई के चलते ही पिता रणधीर सिंह बांदा से कानपुर चले आए। कानपुर में ही पढ़ाई लिखाई करने वाले राहुल ने IIT गुवाहाटी से कैमिकल ट्रेड में बीटेक की पढ़ाई पूरी की।
राहुल ने करीब डेढ़ साल नौकरी की
फिर राहुल ने करीब डेढ़ साल नौकरी की लेकिन इन दौरान उनका मन समाज के कमजोर तबके लिए कुछ करने में लगा रहा। इसके बाद राहुल ने अपनी नौकरी छोड़ दी और कानपुर वापस आ गए। राहुल ने अपने 3 दोस्तों के साथ मिल कर साल 2016 में Eezynaukri नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया।
600 लोगों को नौकरी मिली
उनके अनुसार इसके माध्यम से कोई भी युवा अपनी योग्यता के मुताबिक नौकरी खोज सकता है। राहुल के अनुसार उन्होंने कानपुर, बांदा, फतेहपुर और बुंदेलखंड में कई ग्रामीण युवकों को बेरोजागारी के दल दल से निकाला। राहुल ने कहा कि हमने गांव गांव जाकर लोगों को ऐप के बारे में जानकारी दी और लोगों को नौकरी खोजना, फॉर्म भरना और डाटा अपलो़ड करना सिखाया। इसकी मदद से 600 लोगों को नौकरी मिली।