अमृतसर ट्रेन हादसा: इत्तेफाक या कुछ और? सामने आया 'रावण' और पिता की मौत का कनेक्शन
अमृतसर। रावण दहन के वक्त हुए दिल दहलाने वाले ट्रेन हादसे में रावण का किरदार निभाने वाले दलबीर सिंह की भी मौत हो गई। मरने से पहले तीन जिंदगी बचाने वाले दलबीर की दर्दनाक मौत के मामले में ऐसा सच सामने आया, जिसे सुनकर यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और। अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास जिस ट्रैक पर ट्रेन के कुचलने से दलबीर सिंह की मौत हुई है, उसी ट्रैक पर उनके पिता की 10 साल पहले मौत हुई थी।
नेत्रहीन थे दलबीर के पिता स्वर्ण सिंह, शताब्दी की चपेट में आ गए थे
32 वर्ष के दलबीर सिंह आखिरी दिन रामलीला मंचन समाप्त होने के बाद रावण की ड्रेस पहनकर ही दशहरा कार्यक्रम देख रहे थे। इसी दौरान अचानक ट्रेन आ गई और ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचलते हुए निकल गई। 10 साल पहले इसी ट्रैक पर कुछ ऐसा ही उनके पिता के साथ भी हुआ था। उनके पिता स्वर्ण सिंह नेत्रहीन थे। स्वर्ण सिंह इसी ट्रैक पर शताब्दी की चपेट में आ गए थे।
दूसरों की जान बचाने के चक्कर में मौत की चपेट में आ गया दलबीर
बड़े भाई बलबीर ने बताया कि दलबीर को बचपन से ही रामलीला का बेहद शौक था। वह हर साल रामलीला शुरू होने का इंतजार किया करता था। वह आठ साल की उम्र से ही रामलीला में अलग-अलग किरदार निभा रहा था। दशहरा वाले दिन जब जोड़ा फाटक के पास ट्रेन ने लोगों को कुचला तब दलबीर की जान खतरे में नहीं थी। वह बच सकता था। उसने ट्रेन देख ली थी, लेकिन दूसरों की जान बचाने के चक्कर में उसने अपनी जान गंवा दी।
इसे भी पढ़ें- MeToo: स्ट्रगलिंग सिंगर की आपबीती- अनु मलिक ने मेरी स्कर्ट उठाई और अपनी पैंट उतार दी
ट्रेन के नीचे फंस गया था दलबीर का पैर
बड़े भाई बलबीर ने बताया कि दलबीर घर से यह कहकर निकला था कि राम-लक्ष्मण को तैयार करना है। इसके बाद रामलीला का मंचन पूरा होने के बाद वह एक बार घर लौटा भी। जिस स्थल पर रावण दहन होना था, वहां से कुछ दूरी पर ही दलबीर का घर है। वह ड्रेस और स्मृति चिन्ह घर पर रखने के बाद रामलीला स्थल पर दोबारा लौटा। इसी दौरान रावण दहन हो गया। दलबीर ट्रैक से निकला रहा था, इसी दौरान उसने ट्रेन देख ली, वह लोगों को बचाने लगा। उसने खुद को लगभग बचा लिया था, वह ट्रेक से निकल चुका था, लेकिन उसका पैर ट्रेन के नीचे आ गया और ट्रेन से उसका सिर टकराया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दलबीर की 8 महीने की बच्ची है, डेढ़ साल पहले ही हुई थी शादी
दलबीर पतंग बनाने का काम करते थे। उनकी डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी। दलबीर अपने पीछे 8 महीने की बच्ची छोड़ गए हैं। यह हादसा अमृतसर के जोड़ा फाटक के करीब स्थित धोबी घाट के पास हुआ। वक्त करीब साढ़े छह बजे का था, जब सैकड़ों लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। हादसे में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।