बिटकॉइन के दीवाने हैं बिग बी, दो साल में कमाए 114 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। बिटकॉइन दुनियाभर में चर्चा का बिषय बना हुआ है। इस समय बिटकॉइन जिस तेजी से आगे पढ़ रहा है हर कोई इसमें इंवेस्टमेंट करने की सोच रहा है। बॉलीवुड के शंहशाह बिग बी भी बिटकॉइन में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। शायद बॉलीवुड के कई कलाकारों को बिटकॉइन के बारे में तब पता भी नहीं होगा जब बच्चन परिवार ढाई साल पहले लगभग 1.6 करोड़ रुपये इसमें इन्वेस्टमेंट कर चुका था, फिलहाल इसका कुल मूल्य 110 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है। क्रिप्टो करेंसी जद में न केवल वॉल स्ट्रीट है बल्कि दुनिया के गई बाजार आ गए हैं।
बिग बी ने 2.5 साल पहले एक स्टार्टअप में निवेश किए थे 1.6 करोड़
इकॉनोमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, 2015 में अपने बेटे अभिषेक के साथ मिलकर अमिताभ बच्चन ने अपने पर्सनल इन्वेस्टमेंट के तहत मेरीडियन टेक पीटीई में 1.6 करोड़ रुपये का निवेश किया था। जिसका मूल्य आज के समय में 110 करोड़ रुपए है। मेरीडियन टेक सिंगापुर की एक फर्म है, जिसकी स्थापना वेंकट श्रीनिवास मीनावल्ली ने की थी। इस कंपनी को पहले कुछ लोग ही जानते थे। यह चर्चा में उस समय आ गई जब मेरीडियन की प्राइम एसेट Ziddu.com को एक अन्य विदेशी कंपनी लॉन्गफिन कॉर्प ने खरीद लिया। यह अधिग्रहण लॉन्गफिन कॉर्प के अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग होने के दो दिनों बाद किया गया था।
बिग बी को ऐसे मिला फायदा
मई 2015 में बच्चन परिवार ने जब मेरीडियन टेक में इंवेस्टमेंट किया था (आरबीआई की ओर से अधिकृत लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत), तब Ziddu क्लाउड स्टोरेज और ई-डिस्ट्रिब्यूशन का स्टार्टअप मात्र थी। लॉन्गफिन का शेयर पिछले बुधवार से सोमवार के 1000% से ज्यादा चढ़ गया था। लेकिन शुक्रवार को तो जब Ziddu.com को खरीदने की डील का ऐलान हुआ तो लॉन्गफिन के शेयर 2500 फीसदी से ज्यादा उपर चले गए।
लॉन्गफिन में 250000 शेयर की होल्डिंग मिली
इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक मेरीडियन टेक में अपनी होल्डिंग के बदले बच्चन परिवार को एसेट की खरीदारी के बाद लॉन्गफिन के 250000 शेयर मिले हैं। सोमवार को लॉन्गफिन का स्टॉक प्राइस 70 डॉलर था, इस हिसाब से लॉन्गफिन में बच्चन परिवार की होल्डिंग की वैल्यू 1.75 करोड़ डॉलर थी। 1.75 करोड़ डॉलर को भारतीय मुद्रा में एक्सचेंज किया जाए तो यह रकम 114 करोड़ रुपये के आसपास हो जाती है।
क्या
है
बिटकॉइन
बिटकॉइन
एक
वर्चुअल
करेंसी
(क्रिप्टो
करेंसी)
जैसी
है
जिसे
एक
ऑनलाइन
एक्सचेंज
के
माध्यम
से
कोई
भी
खरीद
सकता
है।
इसकी
खरीद-फरोख्त
से
फायदा
लेने
के
अलावा
भुगतान
के
लिए
भी
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
इसे
2009
में
एक
अनजान
इन्सान
ने
एलियस
सतोशी
नाकामोटो
के
नाम
से
क्रिएट
किया
था।
इसके
जरिए
बिना
बैंक
को
माध्यम
बनाए
लेन-देन
किया
जा
सकता
है।
हालांकि
भारत
में
इस
मुद्रा
को
न
तो
आधिकारिक
अनुमति
है
और
न
ही
इसे
रेग्युलेट
करने
का
कोई
नियम
बना
है।