Shah BJP Era : गृह मंत्री बोले, अगले 30-40 साल भाजपा का युग, 2024 तक खत्म होंगी पूर्वोत्तर की परेशानियां
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगल-30-40 साल 'भाजपा के युग' के रूप में जाने जाएंगे। शाह ने हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ये बात कही।
हैदराबाद, 03 जुलाई : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ 'भाजपा का चाणक्य', चुनावी रणनीतिकार और मास्टरमाइंड जैसे विशेषण जोड़े जाते हैं। रविवार को शाह ने कहा कि अगले 30 से 40 साल उनकी पार्टी यानी भाजपा का युग होगा। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार दशकों में भारत एक "विश्व गुरु" (विश्व नेता) बनेगा। हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए शाह ने कहा कि "वंशवादी राजनीति, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति" "सबसे बड़े पाप" थे। ऐसी राजनीति कई वर्षों तक देश की पीड़ा का कारण रहे।
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विकास और प्रदर्शन की राजनीति
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शाह के भाषण पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अनुभवी नेताओं ने चुनावों में भाजपा की जीत का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी को मिली जीत दिखाती है कि पार्टी की "विकास और प्रदर्शन की राजनीति" को लोगों की स्वीकृति मिली है। शाह ने पारिवारिक शासन, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को समाप्त करने का आह्वान किया। सरमा ने बताया, बैठक में एक "सामूहिक आशा और खोज" (collective hope and finding) थी कि भाजपा के विकास का अगला दौर दक्षिण भारत से आएगा।
भाजपा को मिला प्रचंड बहुमत
गौरतलब है कि भाजपा की भारी सफलता का श्रेय अमित शाह को दिया जाता है। खबरों में बीजेपी को मिलने वाली जबरदस्त राजनीतिक जीत के लिए अमित शाह की रणनीति की भूमिका को रेखांकित किया जाता रहा है। शाह जब पार्टी अध्यक्ष थे तो भाजपा ने कई राज्यों के साथ-साथ दो लोकसभा चुनावों में भी प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की।
पारिवारिक शासन खत्म करेगी भाजपा
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पारिवारिक शासन को खत्म कर देगी। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भी सत्ता में आएगी। बता दें कि 2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद से भाजपा इन राज्यों में सरकार नहीं बना सकी है।
शाह बोले- भाजपा को मिला परमानेंट पता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि भाजपा को क्षेत्र में "स्थायी पता" (permanent address) मिल गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में और कोई समस्या नहीं होगी और 2024 तक इसके सभी मुद्दों का समाधान कर दिया जाएगा।
पूर्वोत्तर में केंद्र के बड़े फैसले
बता दें कि विगत मार्च में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने नगालैंड के सात जिलों में 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से, मणिपुर के छह जिलों में 15 पुलिस थाना क्षेत्रों और पूरी तरह से 23 जिलों और असम में आंशिक रूप से एक जिले से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को हटा दिया था। इसके अलावा असम और मेघालय की सरकारों ने इस साल मार्च में अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर खुद गृह मंत्री शाह भी मौजूद रहे थे।
CAA पर सरकार प्रतिबद्ध
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पूर्वोत्तर के संबंध में शाह के बयान पर बताया, उत्तर-पूर्व में भाजपा की एक यात्रा रही है। गृह मंत्री ने हमें बताया कि उन्हें खुशी है कि अब हमारे पास एक स्थायी पता है। पूर्वोत्तर और हम कहीं दूसरी जगह नहीं जा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू नहीं होने के कारण अमित शाह ने क्या कहा, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया, शाह ने कहा, सरकार द्वारा लाए गए सुधारों पर विपक्ष की आपत्ति के कारण देरी हुई है। हालांकि, सरकार सीएए को लागू करने पर प्रतिबद्ध है। सरमा ने कहा, आप जानते हैं कि सीएए सहित मोदी सरकार की कई सुधारों पर विपक्ष आपत्ति जता रहा है, लेकिन हम सीएए को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नियम बनाए जाएंगे।
पीएम पर हमला तो शाह ने दिया मुंहतोड़ जवाब
बता दें कि गत दिनों गुजरात दंगा मामले में पीएम मोदी पर निशाना साधने को लेकर अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला था। अमित शाह को पीएम मोदी के करीबी विश्वासपात्र के रूप में भी जाना जाता है। 2002 के गुजरात दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट के बाद याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की याचिका खारिज हो गई। जकिया, पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा नरेंद्र मोदी व अन्य लोगों को दी गई क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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