आडवाणी-जोशी का टिकट काटे जाने पर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Elections 2019) से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं (मौजूदा सासंद) को टिकट नहीं दिया। इनमें लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani) और मुरली मनोहर जोशी ( Murli Manohar Joshi) का नाम प्रमुख है। आडवाणी का टिकट काटे जाने को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी को विपक्षी दलों की आलोचना भी झेलनी पड़ी है। इस बीच, कई वरिष्ठ नेताओं का टिकट काटे जाने के मामले पर पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का बयान आया है।
खुद के लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर क्या बोले शाह
अमित शाह ने कहा कि 75 सालों के अधिक उम्र ने लोगों को टिकट ना देना पार्टी का फैसला है, इसी कारण लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को इस बार के चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। अमित शाह ने खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर भी सवाल दिया। शाह ने कहा कि वे सीधा जनादेश चाहते थे, इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया।
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सरकार में शामिल होने की अटकलों को किया खारिज
शाह ने कहा कि वे 25 साल तक विधायक रहे, वे एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं जो लोगों के बीच रहता है। विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा चुनाव में अभी वक्त था, इसलिए वे राज्यसभा के जरिए संसद गए। उन्होंने कहा कि वे सीधा जनादेश चाहते थे और पार्टी में इसको लेकर आम सहमति बन गई। शाह ने उन अटकलों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा था कि बीजेपी की दोबारा सत्ता में वापसी के बाद वे सरकार में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक राज्यसभा सदस्य भी मंत्री बन सकता है।
आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी मोदी सरकार- शाह
आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। शाह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद दुनिया को एक संदेश गया है कि भारत अपने सशस्त्र बलों के सदस्यों की शहादत का बदला ले सकता है। बालाकोट एयर स्ट्राइक पर अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और वहां की सेना ने माना कि उनको काफी नुकसान हुआ। वे इसका बदला लेने की तैयारी में थे और उस वक्त भी विपक्ष सबूत मांग रहा था। इससे बड़ा सेना का अपमान और क्या हो सकता है।
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राम मंदिर के मुद्दे पर शाह ने कहा- कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे
विपक्ष पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए इस स्तर तक नहीं गिरना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में आर्किकल 370 और राम मंदिर मुद्दे पर शाह ने कहा कि इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पूर्ण बहुमत की जरूरत है। शाह ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा कोर्ट में लंबित है और वे इसका इंतजार करेंगे। शाह ने कहा कि उनका स्पष्ट मत है कि उसी स्थान पर एक भव्य राम मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए।
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