हाईकोर्ट के जज की पीएम मोदी को चिट्ठी, जजों की नियुक्ति में 'वंशवाद-जातिवाद' का लगाया आरोप
नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रंगनाथ पांडेय ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जजों की नियुक्ति के मामले में अपनी चिंता जाहिर की है। न्यायाधीश रंगनाथ पांडेय ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वे अपने 34 साल के निजी अनुभव और हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश होने के नाते उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में व्याप्त विसंगतियों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं।
पत्र में न्यायाधीश रंगनाथ पांडेय ने लिखा है, भारतीय संविधान देश को लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित करता है और इसके तीनों में एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण न्यायपालिका ( हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट) दुर्भाग्यवश वंशवाद और जातिवाद से बुरी तरह से ग्रस्त हैं। यहां न्यायधीशों के परिवार का सदस्य होना ही अगला न्यायाधीश होना सुनिश्चित करता है। राजनीतिक कार्यकर्ता का मूल्यांकन अपने कार्य के आधार पर ही चुनाव में जनता द्वारा किया जाता है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा है, 'प्रशासनिक अधिकारी को सेवा में आने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना होता है। अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीशों को भी अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में योग्यता सिद्ध कर ही चयनित होने का अवसर मिलता है। लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति का हमारे पास कोई निश्चित मापदंड नहीं है।
जज रंगनाथ पांडेय ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर उठाए सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति में प्रचलित कसौटी केवल परिवारवाद और जातिवाद है। इस चिट्ठी में न्यायाधीश रंगनाथ पांडेय ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत पर बधाई देते हुए लिखा है कि इस विजय के प्रकाश ने देश के राजनीतिक पटल पर वंशवाद की काली छाया को खत्म कर दिया है।
Allahabad High Court judge Rang Nath Pandey has written a letter to PM Narendra Modi, alleging “nepotism and casteism” in the appointment of judges to High Courts & Supreme Court. pic.twitter.com/hA1PGyeFIg
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2019