होटलों में बदल जाएंगे यूपी की हवेलियां और महल
लखनऊ।
उत्तर
प्रदेश
प्राचीन
ऐतिहासिक
धरोहरों
का
प्रदेश
है
और
ये
धरोहरें
प्रदेश
की
ही
नहीं,
बल्कि
देश
की
शान
हैं।
यहां
के
ऐतिहासिक
किलों,
हवेलियों
और
महलों
का
अपना
गौरवशाली
इतिहास
है।
ये
महल
और
हवेलियां
स्थापत्य
कला
के
नायाब
नमूने
हैं,
इनको
पर्यटन
स्थल
के
रूप
में
विकसित
कर
प्रदेश
में
पर्यटन
की
अपार
संभावनाओं
के
द्वार
खोले
जा
सकते
हैं।
यह बात उप्र पर्यटन के महानिदेशक अमृत अभिजात ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हेरिटेज पर्यटन नीति की घोषणा के बाद राज्य में हेरिटेज पर्यटन की दृष्टि से उत्साहजनक वातावरण बना है। प्रदेश के हेरिटेज भवनों के स्वामी और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आ रहे हैं।
अभिजात पर्यटन भवन में मंगलवार को हेरिटेज भवनों के स्वामियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हेरिटेज भवनों के स्वामियों का यह उत्साह शीघ्रातिशीघ्र व्यावहारिक रूप लेगा और प्रदेश में हेरिटेज पर्यटन अपनी प्रभावी भूमिका के साथ परिलक्षित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेरिटेज पर्यटन की अत्यधिक सम्भावना है। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित की गई हेरिटेज पर्यटन नीति इस दिशा में महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी।
महानिदेशक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए यह सुखद बात है कि हेरिटेज भवनों को हेरिटेज होटल में परिवर्तित करने के लिए निजी उद्यमियों द्वारा सकारात्मक पहल की गई है। प्रदेश के कुछ हेरिटेज भवनों का उनके स्वामियों द्वारा अपने प्रयासों से भी पर्यटकों के उपयोग के लिए संचालन कराया जा रहा है, जो प्रदेश के पर्यटन उद्योग के लिए उत्साहवर्धक है, लेकिन इस दिशा में अभी और प्रयास की आवश्यकता है।
इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि हेरिटेज भवनों के स्वामी और हेरिटेज पर्यटन से जुड़े लोगों से विभागीय स्तर पर निरन्तर त्वरित समन्वय और संवाद बना रहे, ताकि विभिन्न समस्याओं और प्रस्तावों पर समयानुसार कार्रवाई की जा सके। बैठक में हेरिटेज भवनों के स्वामियों द्वारा हेरिटेज होटल के वर्गीकरण सम्बंधी जिज्ञासाओं के क्रम में पर्यटन विकास निगम द्वारा अवगत कराया गया कि हेरिटेज होटलों से सम्बंधित वर्गीकरण का कार्य भारत सरकार द्वारा किया जाता है, जिसके अन्तर्गत हेरिटेज सम्पत्तियों को सुविधानुसार अलग-अलग वर्गो में विभाजित किया जाता है।
भारत सरकार द्वारा इस सम्बंध में एक प्रारूप निर्धारित किया गया है, जिसमें हेरिटेज सम्पत्ति के स्वामी आवेदन कर सकते हैं। इस क्रम में अभिजात ने हेरिटेज सम्पत्ति स्वामियों को आश्वासन दिया कि यदि हेरिटेज सम्पत्तियों के वर्गीकरण के लिए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय को जो प्रस्ताव प्रेषित किए जाएंगे उनके लिए उप्र सरकार के स्तर से भी प्रयास किए जाएंगे। बैठक में लखनऊ के जहांगीराबाद पैलेस के राजा मोहम्मद जमाल खान, सिद्धार्थनगर के शिवपतिनगर के रॉयल र्रिटीट हेरिटेज होटल के मालिक, रामपुरा फोर्ट हेरिटेज स्टे के केशवेंद्र सिंह तथा लखीमपुर के सिंघाही के मालिक तथा अन्य लोग भी शामिल हुए।