अखिलेश बनाम शिवपाल: कौन है इस विवाद का खलनायक?
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के झगड़े के पीछे अमर सिंह के अलावा भी कोई है, ऐसा सूत्र कह रहे हैं।
लखनऊ। आज सीएम अखिलेश यादव ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष और अपने सगे चाचा शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अखिलेश ने रविवार को ही पार्टी के विधायकों की एक बैठक बुलाई और उसके बाद ये चौंकाने वाला फैसला सुनाया।
अखिलेश ने दिखाई ताकत, साबित किया केवल मुलायम के बेटे ही नहीं वो
कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव को अपने लविंग अंकल अमर सिंह से परेशानी है इसलिए उन्होंने उन्हीं मंत्रियों को बाहर निकाला जो कि उनके करीबी हैं और इस तरह से उन्होंने अमर सिंह से बदला लिया है, जो कि सीएम की पार्टी और परिवार में फूट डालने का काम कर रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर इस बात को कोई और ही रंग दिया जा रहा है।
अंदर की खबर रखने वालों का कहना है कि सपा पपरिवार का ये विवाद साल 2012 से ही चालू है क्योंकि अखिलेश की सौतेली मां साधना गुप्ता इस बात पर सहमत नहीं थी कि मुलायम , अपने बेटे अखिलेश यादव को सीएम बनाए और इसलिए उन्होंने शिवपाल यादव को अपना मोहरा बनाया और उन्हें सीएम पद पाने के लिए उत्सुक किया और शिवपाल इस बात पर नेता जी से भिड़ भी गए।
हालांकि पिता के आगे एक भाई हार गया और अखिलेश यादव को सीएम की कुर्सी मिल गई लेकिन भाई यानी शिवपाल को पूरा भरोसा दिलाया गया कि उन्हें पार्टी में अहम भूमिका दी जाएगी और वो सीएम से कम नहीं होंगे क्योंकि मुलायम को पता था कि उनका बेटा टीपू एक आज्ञाकारी बेटा है। लेकिन साधना गुप्ता की कोशिश लगातार परिवार में अपने बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव को आगे करने की रही।
गुस्से में अखिलेश! शिवपाल के बाद जयाप्रदा की भी छुट्टी
ये कहना हमारा नहीं है बल्कि इस बारे में खुलासा किया था अखिलेश के करीबी माने जाने वाले एमएलसी उदयवीर सिंह ने, जिन्हें कि 6 साल के लिए पार्टी से निकाला जा चुका है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस बात सही मान बैठे हैं और अपना तर्क दे रहे हैं।
साधना गुप्ता, शिवपाल यादव और अमर सिंह दोनों के काफी करीब हैं क्योंकि इन्हीं दोनों लोगों की वजह से उनकी शादी मुलायम से हो पाई थीं। हालांकि वो पब्लिक प्लेटफार्म पर कम ही दिखाई देती है लेकिन यादव परिवार में उन्हीं का सिक्का चलता है।
उनका बेटा प्रतीक फिलहाल तो रियल स्टेट के बिजनेस में मगन हैं लेकिन उनकी मां चाहती हैं कि वो सक्रिय राजनीति में आएं, वो तो नहीं आए लेकिन उनकी पत्नी अपर्णा यादव ने जरूर राजनीति में कदम रख दिया है। कहा जा रहा है कि उन्हें लखनऊ कैंट से टिकट साधना की जिद के कारण मिला है। साधना को अपनी शाख और उत्तराधिकारी का डर है और इसी वजह से वो अखिलेश के लिए मुसीबतें खड़ी कर रही हैं।