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Indian Air Force: सियाचिन पॉयनियर्स ने बर्फ और कम रोशनी के बाद भी बचाई एक गर्भवती महिला की जिंदगी

आईएएफ की हेलीकॉप्‍टर यूनिट सियाचिन पायॅनियर्स ने जम्‍मू कश्‍मीर के लेह में तीन माह की गर्भवती महिला की जान बचाकर फिर से अपनी श्रेष्‍ठता साबित कर दी है। इस महिला की एक आंख नहीं है और यह महिला डिस्‍फेज नामक बीमारी से ग्रसित है।

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Indian Air Force: Siachin Pioneers ने जान पर खेलकर बचाई Pregnant woman की जान | वनइंडिया हिन्दी

लेह। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की हेलीकॉप्‍टर सियाचिन पायॅनियर्स ने जम्‍मू कश्‍मीर के लेह में तीन माह की गर्भवती महिला की जान बचाकर फिर से अपनी श्रेष्‍ठता साबित कर दी है। इस महिला की एक आंख नहीं है और यह महिला डिस्‍फेज नामक बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी में कुछ भी निगलने में कठिनाई होती है। सियाचिन पॉयनियर्स ने शुक्रवार को लद्दाख के शिनकुन ला पास घाटी में स्थित गांव कुरगियाक में इस रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। कुरगियाक में मौसम काफी खराब हो चुका था और रास्‍ता पूरी तरह से बर्फ से ढंका था। इसके अलावा रोशनी भी पर्याप्‍त नहीं थी और ऑपरेशन में काफी मुश्किलें भी आईं। लेकिन इसके बाद भी सियाचिन पॉयनियर्स ने इस रेस्‍क्‍यू को पूरा किया और इस महिला की जान बचाई।

सिर्फ 30 मिनट में हुई सारी तैयारी

सिर्फ 30 मिनट में हुई सारी तैयारी

मौसम विभाग की ओर से भविष्‍यवाणी की गई थी कि कुरगियाक गांव के सारे रास्‍ते बर्फ से ढंक जाएंगे। सियाचिन पॉयनियर्स ने मौसम का पता लगाते ही स्थिति पर चर्चा की और ईधन की रिफ्यूलिंग से बचने के लिए रूट प्‍लान के बारे में चर्चा की। सिर्फ 30 मिनट में विंग कमांडर एसआई खान और फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रवीन ने एयरक्राफ्ट को फ्लाई किया और उनके साथ विंग कमांडर एसके प्रधान और स्‍क्‍वाड्रन लीडर ए बेदेकर भी दूसरे नंबर पर मौजूद थे। रास्‍ते में मौसम काफी खराब था और रास्‍ता काफी संकरा था। इसके अलावा किसी भी तरह की कोई लैंडिंग फील्‍ड न होने की वजह से यह रेस्‍क्‍यू काफी चुनौतीपूर्ण हो गया था।

खराब रास्‍ते ने बढ़ाई मुश्किलें

खराब रास्‍ते ने बढ़ाई मुश्किलें

इसके बाद भी क्रू ने सफलतापूर्वक रास्‍ता तय किया और पादम पहुंचे। इसके बाद यहां पर सर्विसिंग के काम को जल्‍द से जल्‍द पूरा किया गया और फिर दोनों हेलीकॉप्‍टर्स कुरगियाक के लिए रवाना हो गए जो कि यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर था। यहां से रास्‍ता पूरी तरह से बर्फ से ढंका हुआ था और कोई भी क्‍लीयर फील्‍ड मौजूद नहीं थी। क्रू ने एक गांव को चुना जो थोड़ा ढलान पर था लेकिन फिर किसी तरह से नियंत्रण किया जा सकता था। क्रू ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की और यहां से इस गर्भवती महिला की जान बचाई।

ऑक्‍सीजन की कमी बड़ी समस्‍या

ऑक्‍सीजन की कमी बड़ी समस्‍या

ऊंचाई पर होने की वजह से यहां पर ऑक्‍सीजन की कमी रहती है और यहां पर तापमान भी हमेशा सामान्‍य से कम ही रहता है। इस वजह से इस महिला को सांस लेने में भी काफी दिक्‍कतें हो रही थीं। यहां पहुंचना जितना मुश्किल था, यहां से वापस आना उतना ही चुनौतीपूर्ण था। हवाओं और कम होती रोशनी की वजह से उड़ान में कई तरह की चुनौतियां थीं। क्रू ने अपने हर कौशल का नमूना पेश किया और गर्भवती महिला की जान बचाते हुए खराब मौसम में भी सफलतापूर्वक समय पर लेह पहुंच गए।

 क्‍या है सियाचिन पॉयनियर्स

क्‍या है सियाचिन पॉयनियर्स

सियाचिन पायनियर्स इंडियन एयरफोर्स की 114 नंबर की हेलीकॉप्‍टर यूनिट है और इस यूनिट में एचएएल के चीता हेलीकॉप्‍टर हैं। यह यूनिट लेह एयरफोर्स स्‍टेशन पर बेस्‍ड हैं। इस यूनिट को 10 चेतक हेलीकॉप्‍टर के साथ तैयार किया गया था और चेतक हेलीकॉप्‍टर से लैस होने वाली पहली यूनिट का गौरव भी हासिल है। 13 नवंबर 1996 को इस यूनिट की शुरुआत हुई थी और इसे राष्‍ट्रपति की ओर से प्रशस्‍ति पत्र भी मिला हुआ है।

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English summary
Air Force's The Siachen Pioneers undertook an evacuation of three month pregnant, 35 year old in Leh, Jammu Kashmir.
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