क्या भारत में पड़ेगी कोरोना वैक्सीन के बूस्टर शॉट की जरूरत? एम्स डायरेक्टर ने दिया जवाब
नई दिल्ली, 24 जुलाई: कोरोना वायरस अपने लगातार बदले रूप बदल रहा है। इस वायरस के लगातार नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि वैक्सीन की दो डोज के अलावा बूस्टर डोज, यानी तीसरी खुराक की भी जरूरत पड़ेगी। ताकि नए वेरिएंट से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके। एम्स डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने भी इसे माना है। उन्होंने कहा है कि देश में बूस्टर डोज की आवश्यकता पड़ सकती है।
बूस्टर डोज मददगार होगी
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा लगातार कोरोना के नए-नए वेरिएंट आ रहा हैं। ऐसे में देश को दूसरी पीढ़ी की कोरोना वैक्सीन के साथ बूस्टर डोज अपनाने की जरूरत हो सकती है। उन्होंने कहा कि समय बीतने के साथ इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। ऐसे में बूस्टर डोज मददगार होगी, जो आने वाले विभिन्न वेरिएंट से बॉडी को बचाएगी।
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साल के अंत तक हमें बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी
डॉ गुलेरिया ने कहा कि शायद इस साल के अंत तक हमें बूस्टर डोज की जरूरत पड़े, हालांकि ये एकबार पूरी आबादी का टीकाकरण हो जाने के बाद ही होगा। पूर्ण टीकाकरण के बाद अगला कदम बूस्टर डोज देना होगा। उन्होंने आगे कहा कि बूस्टर वैक्सीन शॉट्स को लेकर कई देशों में पहले से ही बातें चल रही हैं।
क्या है बूस्टर शॉट
कहा जा रहा है कि हमें डेल्टा वैरिएंट से बचने के लिए तीसरा डोज बूस्टर वैक्सीन के तौर पर लेना होगा। बूस्टर शॉट वह है जो किसी खास पैथोजेन के खिलाफ किसी की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए दिया जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना वक्सीन की पहली खुराक इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करती है और दूसरी खुराक इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हुए ज्यादा एंटीबॉडी का उत्पादन करती है। वहीं बूस्टर शॉट शरीर को वायरस या बैक्टीरिया का पता लगाने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
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