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'बुलेट ट्रेन का लोगो बनाया और जिंदगी बदल गई'

क्या आप जानते हैं पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन का लोगो किसने बनाया है। 

By BBC News हिन्दी
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''इस जीत के बाद मेरे परिवार की चिंता कम हो गई। बी आर्क और यूपीएससी की तैयारी के बाद जब मैंने एनआईडी में एडमिशन लिया तो उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि मैं ज़िंदगी में करना क्या चाहता हूं। लेकिन अब वे बहुत खुश हैं। जिस दिन से यह ख़बर आई है, ऐसे लोग भी मुझे और मेरे परिवार को फ़ोन करके बधाई दे रहे हैं जिनसे कुछ समय से संपर्क छूट गया था।''

ये कहना है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन में पढ़ने वाले चक्रधर आला का जिन्होंने जापान के सहयोग से भारत आ रही बुलेट ट्रेन का लोगो डिज़ाइन किया है। चक्रधर ने कई लोगों को पछाड़कर यह मुक़ाबला जीता है। इसके एवज़ में उन्हें एक लाख रुपये का इनाम भी मिला है। दिलचस्प बात यह है कि मुक़ाबले में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले दोनों लोगो भी उन्हीं के कॉलेज के छात्रों ने डिज़ाइन किए हैं।

गर्व की बात

वो कहते हैं, ''यह मेरे और कॉलेज के लिए बहुत गर्व की बात है। पिछले हफ़्ते कॉलेज ने हमें सम्मानित करने के लिए एक स्पेशल इवेंट भी किया।'' आंध्र प्रदेश से आने वाले चक्रधर ने एनआईटी त्रिचि से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया है।इसके बाद इंटर्नशिप करते समय उनका इरादा सिविल सर्विसेज़ में जाने का बना और अगले दो साल उन्होंने हैदराबाद में रहकर यूपीएससी की तैयारी की।

बुलेट के एलान के दिन स्टेज पर मोदी और शिंज़ो
SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images
बुलेट के एलान के दिन स्टेज पर मोदी और शिंज़ो

तैयारी के दौरान खुद को ब्रेक देने के लिए चक्रधर ग्राफ़िक्स डिज़ाइन करते थे जो उस वक़्त महज़ एक शौक़ था। ''मैंने तीन साल में तीस मुक़ाबलों में हिस्सा लिया और अपने लोगो भेजे। 'स्वच्छ भारत' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' ऐसे पहले दो मुक़ाबले थे जिनमें मैंने एंट्री भेजी। किसी भी मुक़ाबले में जीत तो हासिल नहीं हुई लेकिन मुझे समझ आ गया कि मैं ग्राफ़िक्स डिज़ाइनिंग में ही करियर बनाना चाहता हूं। इसके बाद मैंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन में दाख़िला लिय।''

बुलेट ट्रेन में अपने लोगो के जीतने की सूचना चक्रधर को जून में मिली। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के जनरल मैनेजर का ईमेल आया। इसके बाद एनएचएसआरसीएल के एमडी और जीएम के साथ एक मुलाक़ात हुई जिसमें उन्होंने कुछ बदलाव सुझाए।

''मैंने जो नीला रंग इस्तेमाल किया था वो थोड़ा गहरा था। उन्होंने नीले को हल्का करवाया। साथ ही मेरे लोगो में कोने काफ़ी तीखे थे, उन्होंने कुछ कोनों को थोड़ा स्मूद करवाया।'' फ़ाइनल लोगो जुलाई में तैयार हुआ और सितंबर में इस्तेमाल हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो ऐब के साथ बुलेट ट्रेन योजना को हरी झंडी दिखाई।अहमदाबाद में हुए इस समारोह में चक्रधर भी शामिल हुए.

''मुझे और बाक़ी दोनों रनर अप को इवेंट का न्योता मिला था। मेरे लोगो को प्रधानमंत्री के पीछे बहुत बड़ा करके लगाया गया था। वो मेरी ज़िंदगी का बहुत ख़ास लम्हा है।'' चक्रधर की दिसंबर में सगाई और अगले साल शादी होने वाली है। दो धर्मों के बीच की शादी है इसलिए लड़की के परिवार को मनाने के लिए शुरुआत में संघर्ष करना पड़ा। उधर उनका अपना परिवार भी करियर को लेकर उनके बदलते फ़ैसलों से चिंतित था। लेकिन कुछ साल की उठापटक के बाद आई इस जीत ने सब कुछ आसान बना दिया है।

पिता को नाज़

''ऐसा लगता है जैसे अब सब कुछ ठीक हो रहा है। अभी कल ही मेरे पिता ने एक स्थानीय अख़बार में मेरी फ़ोटो देखी।उन्होंने पढ़ने वाले व्यक्ति से मांगकर अख़बार देखा। उन्हें बड़ा नाज़ हुआ। वे बहुत खुश थे।'' चक्रधर के मुताबिक़ यह इस सरकार की डिजिटल कोशिशों की क़ामयाबी है कि ऐसे हज़ारों लोगों का मौक़ा मिल रहा है जिन्हें अपनी क़ाबिलियत दिखाने के लिए प्लैटफ़ॉर्म चाहिए।

''अब ऐसे किसी भी मुक़ाबले में अप्लाई करना बहुत आसान हो गया है। बाक़ी लोग जो सरकार के किसी मुक़ाबले में अपने डिज़ाइन भेजना चाहते हैं वे दिशानिर्देशों पर ध्यान दें। और याद रखें कि लोग आसानी से समझ में आने वाला हो।''

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बुलेट ट्रेन की राह में क्या हैं चुनौतियां

चक्रधर के लोगो को कई जगह चीता ऑन ए लोको के नाम से संबोधित किया जा रहा है. हमने उनसे पूछा कि यह नाम किसने तय किया -

''मैंने कोई नाम नहीं सुझाया। लेकिन लोग चीते को देखकर इसे इसी नाम से बुला रहे हैं। यह भी ठीक है क्योंकि चीता, बुलेट इंजन और स्टेशन दिखाते डॉट ही वो ऐलीमेंट्स थे जो एंड यूज़र को समझ आने चाहिए। उसके अलावा भी लोगो में दो परतें हैं जिनमें से पहली यह संदेश देती है कि इस प्रोजेक्ट पर चीते की गति से काम हो रहा है। दूसरा संदेश रंगों में छिपा है। नीले रंग का इस्तेमाल भरोसा दिखाने के लिए है। लाल रंग को ऊर्जा और उत्साह दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। वहीं स्लेटी रंग तकनीकी दक्षता दिखाने के लिए है।''

मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की शुरुआत के लिए 2023 की डेडलाइन तय की गई है, लेकिन रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि प्रोजेक्ट समय से पहले ख़त्म करने की कोशिश की जाएगी।

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English summary
Ahmedabad student Chakradhar aalla design bullet train logo in 31st attempts
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