अमेरिका ने किया 2+2 डायलॉग कैंसिल तो भारत ने ठुकराया उसका एक ऑफर
अमेरिका ने भारत के साथ 2+2 डायलॉग को कैंसिल करने के बाद एक ऑफर मोदी सरकार को दिया जिसे भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका ने भारत से कहा था कि वह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करने को तैयार है। भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन के इस ऑफर को ठुकरा दिया है।
नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत के साथ 2+2 डायलॉग को कैंसिल करने के बाद एक ऑफर मोदी सरकार को दिया जिसे भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका ने भारत से कहा था कि वह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत करने को तैयार है। भारत सरकार ने ट्रंप प्रशासन के इस ऑफर को ठुकरा दिया है। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस की ओर से यह जानकारी दी गई है। छह जुलाई को होने वाले 2+2 डायलॉग के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण वॉशिंगटन जाने वाली थीं। यहां पर उनकी मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो और रक्षा मंत्री जेम्स मटीज से होने वाली थी। लेकिन 10 दिन पहले ही अमेरिका की ओर से इस डायलॉग को अपरिहार्य कारणों से कैंसिल कर दिया गया।
इसलिए भारत ने ठुकराया ऑफर
छह जुलाई निर्मला सीतारमण पेंटागन जाकर जेम्स मटीज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने वाली थीं। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच रणनीतिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के मकसद से थी। 2+2 डायलॉग भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच हर वर्ष होने वाली वार्ता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो इस दौरान अमेरिका में नहीं होंगे। अमेरिका रक्षा विभाग चाहता था कि सीतारमण ओरिजनल प्लान के तहत अमेरिका आएं और जेम्स मटीस से मुलाकात करें। लेकिन भारत सरकार चाहती थी कि डायलॉग का फॉर्मेट न बदला जाए और इसलिए ही भारत ने अमेरिका के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया है।
पिछले वर्ष मोदी के दौरे पर बनी थी रजामंदी
दोनों देशों के बीच इस नए तरह के डायलॉग पर उस समय रजामंदी बनी थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले वर्ष अमेरिका गए थे। जून 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस का दौरा किया और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसी दौरान दोनों देश बातचीत के इस नए फॉर्मेट के लिए राजी हुए थे। पिछले वर्ष जून के बाद दोनों देशों की ओर से इस डायलॉग के लिए कई तारीखों पर विचार-विमर्श हुआ और अंत में छह जुलाई की तारीख पर सहमति बनी। इससे पहले इस वर्ष की शुरुआत में भी इस डायलॉग को कैंसिल किया गया था। उस समय अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो के नाम पर अनिश्चितता के चलते यह डायलॉग कैंसिल हुआ था।
पीएम मोदी को मालूम है वजह
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में अमेरिकी राजदूत निकी हेले की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानते हैं कि ट्रंप प्रशासन ने छह जुलाई को होने वाले 2+2 डायलॉग को क्यों 10 दिन पहले कैंसिल कर दिया है। निकी हेले ने कहा कि इस बातचीत को बेहतर कारणों से कैंसिल किया गया है। बातचीत को कैंसिल करने का भारत से कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही पता लग जाएगा कि आखिर क्यों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कैंसिल करने का फैसला किया था। इसी समय निकी ने यह बात भी कही कि पीएम मोदी इस बात से वाकिफ हैं कि इस डायलॉग को क्यों कैंसिल किया गया और इसकी वजह 'बहुत अच्छी' है।