राहत पैकेज के बाद पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उठाया लॉकडाउन झेल रहे किसानों का मुद्दा, सरकार से की ये मांग
चंडीगढ़। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस समय पूरा देश लॉकडाउन में चला गया है। भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 649 पर पहुंच गई है वहीं, इस महामारी से 13 लोगों की जान चली गई है जबकि 42 लोग पूरी तरह ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं। लॉकडाउन का सामना कर रहे गरीब वर्ग के लोगों के लिए गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने 1 लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज को अनुमति दे दी है जो लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद इस्तेमाल की जाएगी। वित्त मंत्री के इस राहत पैकेज पर अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया सामने आई है।
बता दें कि हरियाणा भी कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रह है और यहां मनोहर लाल खट्टर सरकार ने काफी समय पहले ही लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था। सरकार के राहत पैकेज के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अब राज्य में लॉकडाउन का सामना कर रहे किसानों का मुद्दा उठाया है। पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा, सरकार को किसानों को बोनस प्रदान करना चाहिए जिनकी फसल खेतों में तैयार है क्योंकि लॉकडाउन के कारण फसलों की खरीद 15 अप्रैल से पहले नहीं होगी। सरकार को किसानों को यह भी आश्वासन देना चाहिए कि उनकी फसलों की खरीद की जाएगी।
Government should provide bonus to farmers whose crops are ready in fields as procurement process will not take place before April 15 due to #CoronavirusLockdown. Govt should also assure farmers that their crops will be procured&govt will bear any loss: Former Haryana CM BS Hooda pic.twitter.com/8E9dGxY79E
— ANI (@ANI) March 26, 2020
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि सरकार गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई है। गरीब कल्याण स्कीम के तहत डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा और लोगों को खाद्य सुरक्षा दी जाएगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों की संख्या आती है। सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी व्यक्ति बिना भोजन के न रहे। हर व्यक्ति को 5 किलो चावल और गेहूं अतिरिक्त दिया जाएगा। यह तीन महीने तक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों की संख्या आती है। सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी व्यक्ति बिना भोजन के न रहे।
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