'गोली मारकर मेरे पति को चरित्रहीन बता रही है पुलिस'
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार का कहना है, "पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए केस दर्ज किया है. दो सिपाहियों को गिरफ़्तार कर लिया है और उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई हो रही है."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना था कि घटना को देखकर लग रहा है कि गोली चलाने वाले हालात नहीं थे, फिर भी क्यों गोली चलाई गई ये बात जांच के बाद ही पता चल सकेगी.
राजधानी लखनऊ में यूपी पुलिस के एक कॉन्स्टेबल की गोली से मारे गए विवेक तिवारी की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति की हत्या की गई है. उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री से इसका जवाब मांगा है.
एप्पल कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करने वाले विवेक तिवारी को शुक्रवार देर रात गश्त कर रहे एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर उनकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते उन्हें गोली मार दी, जिससे रात में ही उनकी मौत हो गई.
विवेक तिवारी पर गोली चलाने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी और उनके एक सहकर्मी के ख़िलाफ़ हत्या का मुक़दमा दर्ज करते हुए दोनों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. गिरफ़्तार पुलिस कॉन्स्टेबल का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई.
'वे उन्हें जान से ही मारना चाहते थे'
बीबीसी से बातचीत में विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने कॉन्स्टेबल के इस आरोप को ग़लत बताते हुए पुलिस पर अपने पति के 'चारित्रिक हनन' का भी आरोप लगाया है.
कल्पना का कहना है, "यदि पुलिस वालों को कुछ ग़लत लग रहा था तो क्या सीधे गोली ही मार दी जाती है? गाड़ी रोक सकते थे? उन्हें पकड़कर पूछताछ कर सकते थे. गोली ही मारनी थी तो पैर में या हाथ में भी मार सकते थे लेकिन सिर के पास गोली मारने से साफ़ है कि वो उन्हें जान से ही मारना चाहते थे."
बताया जा रहा है कि ये घटना तब हुई जब विवेक तिवारी दफ़्तर के एक कार्यक्रम से देर रात अपनी एक सहकर्मी के साथ घर लौट रहे थे.
गोली चलाने वाले कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि उन्होंने कार को संदिग्ध स्थिति में खड़ी देखकर विवेक तिवारी को उतरने को कहा लेकिन वो कार चलाकर आगे बढ़ गए.
प्रशांत चौधरी के मुताबिक, विवेक तिवारी ने उनकी बाइक के ऊपर कार चढ़ाने की कोशिश की और इसीलिए उन्हें आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी. लेकिन परिवार वालों का आरोप है कि आत्मरक्षा में गोली सामने से सिर के क़रीब नहीं चलाई जाती.
क्या कहती है पुलिस
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार का कहना है, "पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए केस दर्ज किया है. दो सिपाहियों को गिरफ़्तार कर लिया है और उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई हो रही है."
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना था कि घटना को देखकर लग रहा है कि गोली चलाने वाले हालात नहीं थे, फिर भी क्यों गोली चलाई गई ये बात जांच के बाद ही पता चल सकेगी.
यूपी में सुल्तानपुर के रहने वाले विवेक तिवारी ने मेरठ के एक कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई की थी और फ़िलहाल अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ लखनऊ में रह रहे थे.
विवेक की अचानक हुई इस मौत के बाद से उनके यहां मातम पसरा है. उनकी पत्नी का कहना है कि विवेक ये कहकर गए थे कि रात को देर से आएंगे क्योंकि कंपनी में कोई बड़ा आयोजन था.
उनका कहना था, "मैंने डेढ़-दो बजे के आस-पास अपने पति को फ़ोन किया लेकिन जवाब नहीं आया. दो-तीन बार करने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो थोड़ी चिंता होने लगी. फिर तीन बजे के क़रीब किसी ने फ़ोन उठाया और बताया कि आपके पति को चोट आई है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है."
कल्पना तिवारी इस बात पर संदेह जताती हैं कि पुलिस ने उन लोगों को कोई सूचना क्यों नहीं दी जबकि विवेक का मोबाइल फ़ोन लगातार बज रहा था. बहरहाल, पुलिस अभी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है.
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