घाटी में हो सकता है बड़ा आतंकी हमला, एनएसए डोवाल ने ली अधिकारियों की बैठक
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सरकार ने पैरामिलिट्री जवानों की 100 टुकड़ियों में 10000 जवान और सेना के अधिकारियों को भेजने का फैसला लिया है, जिसके बाद घाटी में राजनीतिक दलों और अलगाववादियों में हड़कंप मच गया है। सरकार के शीर्ष सूत्रों का कहना है घाटी में पाकिस्तानी में स्थित आतंकी संगठन घाटी में बड़े आतंकी हमले की फिराक में हैं, इसी के चलते सरकार ने घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात करने का फैसला लिया है।
अजीत डोवाल ने किया था दो दिन का दौरा
सरकार के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने इस बाबत एक बैठक की थी, यह बैठक जम्मू कश्मीर में काउंटर टेररिज्म ग्रिड को लेकर हुई है। घाटी में बड़े आतंकी हमले के इनपुट मिले हैं, जिसके बाद प्रदेश आतंकी हमले की साजिश को विफल करने के लिए पैरामिलिट्री जवानों की अतिरिक्त टुकड़ी को भेजने का फैसला लिया गया है। बता दें कि हाल ही में एनएसए अजीत डोवाल जम्मू कश्मीर का दो दिवसीय दौरा करके लौटे हैं। जिसके बाद अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त 10000 जवान व अधिकारियों को घाटी में भेजने का फैसला लिया गया है।
महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया केंद्र सरकार के घाटी में 10,000 जवानों की तैनाती के फैसले से लोगों के मन में डर पैदा हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा। उन्हें कहा कि केंद्र सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए और अपनी पॉलिसी में सुधार करना चाहिए।
विचार करने की जरूरत
महबूबा मुफ्ती ने सरकार के फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि घाटी में 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो कि मिलिट्री से हल नहीं होगी। भारत की सरकार को अपनी पॉलिसी पर दोबारा विचार करने और उसमें सुधार करने की जरूरत है।
एडीजी ने खारिज किया
वहीं अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एडीजीपी) लॉ एंड ऑर्डर मुनीर खान ने हालांकि अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात किए जाने के दावों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि 100 कंपनियों को केवल रिप्लेस्मेंट के रूप में लाया जा रहा है। इस साल की शुरुआत में 24 फरवरी को घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई थीं। सरकार ने उस समय कहा था कि सैनिकों को अप्रैल और मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाया गया है। हाल ही में घाटी में अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 40,000 जवानों को तैनात किया गया है।
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