नोटबंदी के 50 दिन हो गए पूरे लेकिन अब भी 60 फीसदी एटीएम मशीनें नहीं दे सकती कैश
नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो चुके हैं, फिर भी बैंक एटीएम मशीनों में पैसे डालने वाली एजेंसियों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। 100 करोड़ रुपए मांगने पर कुल राशि का सिर्फ एक-तिहाई ही मिल रहा है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए वादे के मुताबिक नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। बावजूद इसके देश भर में करेंसी की कमी बरकरार है। एटीएम मशीनों में पैसा डालने वाले वाली अग्रणी एजेंसियों का कहना है कि 2.2 लाख एटीएम मशीनों में से सिर्फ 35-40 फीसदी एटीएम ही कैश देने में सक्षम हैं। इसी काम से जुड़े फिडेल्टी इन्फॉर्मेशन सर्विसेज (FIS)के मैनेजिंग डायरेक्टर रामस्वामी वेंकटचलम ने कहा कि बैंक अभी भी पूरी तरह से कैश की मांग को पूरा करने में अक्षम हैं, जिससे कि एटीएम 24 घंटे सातों दिन चल सके। कहा कि FIS के 12,000 में से 37 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं। देश भर में भी कुल 35-40 फीसदी एटीएम ही काम कर रहे हैं।
कहा
कि
एटीएम
ना
चल
पाने
की
वजह
है
कैश
का
उपलब्धता
ना
होना।
इसी
काम
से
जुड़े
नवरोज
दस्तूर
ने
कहा
कि
हम
अगर
सभी
एटीएमों
के
लिए
100
करोड़
रुपए
का
इंडेंट
दे
रहे
हैं
तो
हमें
इसका
सिर्फ
एक
तिहाई
हिस्सा
ही
बैंकों
से
मिल
पाता
है।
हालांकि
सभी
एटीएमों
को
2,000
और
5,00
रुपए
की
करेंसी
नोट
निकालने
में
सक्षम
हैं,
लेकिन
इनमें
से
ज्यादातार
बड़ी
नोट
ही
निकाल
रहे
हैं,
क्योंकि
कम
वैल्यू
की
नोट
ना
आ
पाने
से
दिक्कत
हो
रही
है।
रामस्वामी
ने
कहा
कि
बमुश्किल
5-10
फीसदी
एटीम
ही
अब
किन्हीं
कारणों
से
बंद
है
लेकिन
कम
से
कम
1.8
से
1.9
लाख
तक
एटीएम
सही
कर
दिए
गए
हैं।
कहा
कि
8
नवंबर
के
बाद
से
10
दिन
के
भीतर
जो
हमारे
लिए
सबसे
ज्यादा
पीक
टाइम
था,
उस
दौरान
ही
कई
एटीएम
काम
करने
लगे
थे।
आम
तौर
पर
एक
एटीएम
मशीन
में
4
कंटेनर
होते
हैं,
जिन्हें
कैशकेट
कहा
जाता
है,
इनमें
से
हर
एक
में
2,500
करेंसी
नोट
रखे
जा
सकती
हैं।
इस
हिसाब
से
एटीएम
में
10,000
करेंसी
नोट
रखी
जा
सकती
है।
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