Adultery not a Crime: फैसले के बाद सोशल मीडिया पर आए अजीब रिएक्शन!
नई दिल्ली। आज देश की सर्वोच्च अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर रखते हुए आईपीसी की धारा-497 को खत्म कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 497 (व्यभिचार) को असंवैधानिक करार दिया।
आईपीसी की धारा 497 असंवैधानिक करार
हालांकि अदालत ने ये स्पष्ट कर दिया कि व्यभिचार तलाक के लिए आधार हो सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने साथी (पति या पत्नी) के व्यभिचार के कारण आत्महत्या करता है और इसके पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होते हैं तो व्यभिचार करने वाले को आत्महत्या के लिए उकसाने का जिम्मेदार माना जा सकता है।
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कानून की नज़र में महिला और पुरुष दोनों बराबर
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली सु्प्रीम कोर्ट के 5 जजों वाली बेंच ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी तरह से महिला के साथ असम्मान व्यवहार नहीं किया जा सकता है और पति, पत्नी का मास्टर नहीं है, कानून की नज़र में महिला और पुरुष दोनों बराबर हैं।
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सोशल मीडिया पर आए अजीब रिएक्शन
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है, ताज्जुब ये है कि सोशल प्लेटफार्म पर कुछ लोगों ने कोर्ट के फैसले के सही माना है लेकिन कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया है।
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सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर दो दो ग्रुप बन गए
जिसके कारण सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर दो दो ग्रुप बन गए हैं। कुछ लोगों ने अदालत के इस फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया है तो कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इस फैसले को संस्कृति और फैमिली सिस्टम पर हमला बताया है।
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SC Decriminalised #Adultery, now Congress can officially publish its articles in porn websites 😊😊😂
— Maithun (@Being_Humor) September 27, 2018