बहन ने भाई को दिया रक्षाबंधन का अनमोल गिफ्ट, किडनी डोनेट कर बचाई जान, 9 साल से हो रहा था डायलिसिस
नई दिल्ली, अगस्त 10। रक्षाबंधन के मौके पर एक बहन ने अपने भाई को किडनी डोनेट कर उसकी जिंदगी बचाने का काम किया है। जो भाई पिछले 9 साल से डायलिसिस पर जिंदगी जी रहा था वो अब अपने भविष्य के सपने देखने लगा है। पेशे से स्क्रिप्ट राइटर अमन बत्रा अपनी बहन से किडनी मिलने के बाद फीचर फिल्म बनाने और अपनी शादी के ख्वाब देख रहे हैं।
2013 से किडनी के मरीज थे अमन बत्रा
गुरुग्राम में रहने वाले 29 साल के अमन बत्रा 2013 से किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके माता-पिता दोनों किडनी डोनेट करने में असमर्थ थे। ऐसे में उनकी 38 वर्षीय बहन चंदा ग्रोवर ने किडनी देने का काम किया। चंदा ग्रोवर अपने पति के साथ न्यूजीलैंड में रहती हैं। रक्षाबंधन के मौके पर आई इस स्टोरी ने सभी भाई-बहनों के सामने एक मिसाल पेश की है।
जून में हुई थी अमन बत्रा की सर्जरी
आपको बता दें कि अमन बत्रा की सर्जरी उनके जन्मदिन के 10 दिन बाद 11 जून को हुई थी। उनकी बहन चंदा उन्हें किडनी डोनेट कर वापस न्यूजीलैंड चली गईं। 22 जून को अमन को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अमन बत्रा ने बताया है कि उनके माता-पिता भी पहले किडनी डोनेट करनी की कह रहे थे, लेकिन उन दोनों को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है और मां को डायबिटिज भी है। ऐसे में मेरी बहन 4-5 साल से मुझे किडनी डोनेट करने के लिए कह रही थी, लेकिन हम ही उसे मना करते आ रहे थे, क्योंकि बहन को सर्जरी से काफी डर लगता था।
भाई को मैंने बड़ी मुश्किल से किया राजी
अमन बत्रा बताते हैं कि वो अपनी बहन के शुरू से काफी करीब रहे हैं। उन्होंने अपनी कलाई पर बहन के फेस का टैटू भी बनवाया हुआ है। अमन बत्रा ने बताया कि उनकी बहन चंदा ग्रोवर न्यूजीलैंड में ब्यूटी सैलून एवं इम्पोर्ट का बिजनेस करती है। इस साल उनका रक्षाबंधन का त्यौहार डिजीटली होगा। चंद्रा ग्रोवर ने भी कहा है कि वो 9 साल से अपने भाई को किडनी देने के लिए कह रही थी, लेकिन वो इस बात पर अड़ा था कि वो ऐसा नहीं करेगा, लेकिन मैंने भाई को राजी किया और कहा कि हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है। फिर भाई राजी हो गया और मैं मार्च में भारत आई थी।
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