अकाली दल के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिला प्रतिनिधिमंडल, कहा- किसानों समस्या दूर करने के लिए बने जॉइंट कमेटी
नई दिल्ली, जुलाई 31। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को 8 महीने का वक्त हो चुका है। ऐसे में किसानों की मांग अब सड़क के साथ-साथ संसद तक पहुंच गई है। संसद में कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी पार्टियों का हंगामा देखने को मिल रहा है। इस बीच शनिवार को शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने शिरोमणी अकाली दल के अलावा बीएसपी, NCP और जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता भी शामिल थे।
आंदोलन में 500 किसानों की जा चुकी है जान- हरसिमरत कौर
इस प्रतिनिधिमंडल ने किसानों की मांग को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान हरसिमरत कौर ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। इस आंदोलन में अभी तक 500 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया जाना चाहिए।
कई विपक्षी पार्टियां प्रतिनिधिमंडल का नहीं बनी हिस्सा
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में कई बड़ी विपक्षी पार्टियां नदारद दिखी। कांग्रेस, शिवसेना और टीएमसी समेत कई पार्टियां इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं दिखी। वहीं दूसरी तरफ ये किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रहती हैं।
ये सरकार किसान विरोधी है- हरसिमरत कौर
आपको बता दें कि किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं से उठकर जंतर-मंतर पर आ गया है। वहीं कई विपक्षी पार्टियों ने भी अब किसानों के समर्थन में अपनी बात कहनी शुरू कर दी है। इस बीच शनिवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर से किसानों को बातचीत का ऑफर दिया। नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान पर पलटवार करते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जब किसान लगातार कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो फिर बातचीत का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है।
शुरुआत से कृषि कानून का विरोध कर रही हैं हरसिमरत कौर
आपको बता दें कि हरसिमरत कौर शुरुआत से ही कृषि कानूनों के विरोध में रही हैं, जब ये कानून लाए गए थे तो उस वक्त हरसिमरत कौर केंद्र में मंत्री थी। उस वक्त भी उन्होंने इन कानूनों का विरोध किया था और पहले केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा और फिर बीजेपी के साथ अपने गठबंधन को भी खत्म करने का ऐलान किया था।
ये भी पढ़ें: 'ओ भाई जरा संभल कर जइयो लखनऊ में, योगी बैठ्या है', BJP UP की राकेश टिकैत को चेतावनी!