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लॉकडाउन की वजह से देश में 9.3 करोड़ मजदूर हुए बेरोजगार, डेटाबेस तैयार करने में जुटी सरकार

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नई दिल्ली: भारत में अब तक कोरोना वायरस के 1.19 लाख मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए पिछले दो महीनों से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। इस लॉकडाउन की वजह से सभी उद्योग-धंधे बंद हैं। कुछ जगहों पर सरकार ने व्यवसायिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत तो दी है, लेकिन मजदूर नहीं होने के चलते वहां काम नहीं शुरू हो पा रहा है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से देश में 9.3 करोड़ से ज्यादा मजदूरों का रोजगार छिन गया है। अब केंद्र सरकार इन मजूदरों का डेटाबेस तैयार कर रही है, ताकी उन्हें फिर से रोजगार दिलाया जा सके।

lockdown

रिपोर्ट के मुताबिक मैनुफैक्चरिंग, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, लघु और सीमांत उद्योग और ऑटो इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अब तक 9.3 करोड़ लोगों के प्रवासी मजदूरों के बेरोजगार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। भविष्य में ये संख्या बढ़ भी सकती है। मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए केंद्र सरकार भी गंभीर नजर आ रही है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री थावर चंद्र गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है, जिसमें महेंद्र चंत्र पांडेय, प्रताप सारंगी और किशन रेड्डी शामिल हैं। मंत्रियों के इस समूह ने सभी राज्यों को पत्र लिखा है।

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प्रवासी मजदूरों को घर के पास मिलेगा रोजगार

इसके साथ ही घर लौटे मजदूरों का एक डेटा फॉर्मेट भी तैयार किया गया है। जिसमें मजदूरों की स्किल, पलायन स्थान, स्थायी पता आदि का विवरण देना होगा। बाद में श्रम मंत्रालय ये डेटा राज्यों और केंद्र सरकार के साथ साझा करेगा। इसके बाद राज्य सरकार उनको घर के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास करेंगी। मंत्रियों के समूह ने इस बात पर भी जोर दिया है कि प्रवासी श्रमिकों को शहरों में वापस लाने के लिए फिर से विश्वास बनाने की आवश्यकता है। ऐसे में उनके बच्चों को छात्रवृत्ति, आयुष्मान भारत के तहत उनका स्वास्थ्य बीमा जैसी कई योजनाएं चलाई जा सकती हैं। घर लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, सड़क और हाईवे निर्माण में काम देने की योजना है। वहीं मजदूरों को रोजगार के लिए सरकार प्राइवेट कंपनियों से भी बात करेगी।

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English summary
93 million people unemployed due to lockdown in india
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