आखिर क्या है बैंक के बाहर रोते हुए इस बुजुर्ग का सच?
नंदलाल भारतीय सेना में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात रह चुके हैं। अपनी पेंशन के रुपए निकालने वे बैंक गए थे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद जहां बैंकों के बाहर लगी लंबी कतारें मीडिया की सुर्खियों में हैं, वहीं गुड़गावं में एटीएम के बाहर लगी लाइन के पास रोते हुए एक बुजुर्ग की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
यह तस्वीर गुड़गांव में स्टेट बैंक की एक ब्रांच में अपना पैसा निकालने आए 80 साल के एक रिटायर्ड फौजी नंदलाल की है। आइए जानते हैं कि क्या है इस तस्वीर का सच।
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नंदलाल भारतीय सेना में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्हें सरकार की ओर से 8000 रुपए प्रति महीना पेंशन मिलती है।
लोगों ने नहीं लगने दिया लाइन में
नंदलाल ने बताया कि इसी पेंशन के रुपए निकालने वे बैंक गए थे। नंदलाल जब बैंक पहुंचे तो वहां लंबी लाइन लगी हुई थी। वो भी उसी लाइन में लग गए।
उन्होंने बताया कि लाइन में जब उनका नंबर आने वाला था तो वे लाइन से हटकर फॉर्म लेने चले गए। इसके बाद जब वे दोबारा लौटे तो लोगों ने उन्हें उनकी जगह पर लाइन में नहीं लगने दिया।
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उन्होंने लोगों से खूब कहा कि वह कुछ देर पहले यहीं लगे हुए थे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इसके बाद नंदलाल की हिम्मत टूट गई और वे फूट-फूट कर रोने लगे।
बुजुर्गों के लिए नहीं थी कोई अलग लाइन
नंदलाल ने बताया कि बैंक में बुजुर्ग लोगों के लिए अलग से कोई लाइन नहीं थी। सभी लोगों के लिए सिर्फ एक ही लाइन थी, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी हुई।
आपको बता दें कि बीते 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने का फैसला लिया था, जिसके बाद अपने खातों से रुपए निकालने के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइन लगी हुई है।