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73 पूर्व IAS, IPS और IFS अधिकारियों ने चुनाव आयोग को ईवीएम विवाद पर दिया समाधान

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले 73 भूतपूर्व लोकसेवकों जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस),भारतीय पुलिस सेवा (आईपीए) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी शामिल हैं, उन्होंने रविवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) विवाद को लेकर एक खुला पत्र चुनाव आयोग लिखा, द प्रिंट की खबर के मुताबिक इन अधिकारियों ने इस पत्र में चुनाव आयोग का ध्यान ईवीएम के सत्यापन के लिए उपयोग में आने वाली वीवीपीएट के कार्यान्वयन में गंभीर कमियों की तरफ दिलाया। इस पत्र में भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व राष्ट्रीय विदेश सचिव निरूपमा मेनन राय, वित्त विभाग के पूर्व सचिव नरेंद्र सिसोदिया और पूर्व आईएएस ऑफिसर अरुणा राय प्रमुख हैं।

'ईवीएम के समानांतर हो वीवीपीएट'

'ईवीएम के समानांतर हो वीवीपीएट'

पूर्व लोकसवकों के अनुसार, 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम परिणामों के एक समानांतर वीवीपीएटी रैली होनाआवश्यक है। क्योंकि ये बात हर कोई जानता है कि ईवीएम एक 'ब्लैक बॉक्स' हैं, जिसमें मतदाताओं के लिए यह साबित करना असंभव है कि उनके वोट सही तरीके से गिना गया है या दर्ज हुआ है। वीवीपीएट चुनाव में हर वोट का वास्तविक रिकॉर्ड होता है। गौरतलब है कि ईवीएम की क्षमता पर हर चुनाव में बहस होती है। इसमें चुनाव में हारने वाली पार्टी हार के लिए ईवीएम को दोष देते हुए गड़बड़ी की बात करती है। कांग्रेस पिछले साल चुनाव आयोग गई थी, जिसमें उसने ईवीएम की विश्वसनीयता, स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाते हुए पेपर बैलट की वापसी की मांग की।

'बैलेट पेपर की जरूरत नहीं'

'बैलेट पेपर की जरूरत नहीं'

लोकसवकों ने अपने पत्र में आगे लिखा कि इस समय वास्तविक मुद्दा ईवीएम बनाम पैपर बैलेट नहीं है। उनके मुताबिक ये ईवीएम के साथ सही तरीके से वीवीपीएटी ऑडिट बनाम ईवीएम के साथ वीवीपीएट है। चुनाव आयोग को ये सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान ईवीएम की खराबी और हेराफेरी से मुक्त है, अपने वीवीपीएटी ऑडिट कार्यान्वयन में "गंभीर कमियों की सिरीज" को दूर करना होगा।

'ये हैं प्रमुख कमियां'

'ये हैं प्रमुख कमियां'

लोससवकों के समूह ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग स्टेशन पर एक ईवीएम की चुनाव आयोग की नीति है। ये सांख्यिकीय रूप से गलत सैंपल साइज है क्योंकि हर निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम की संख्या व्यापक रूप से हरराज्यों में लगभग 20 से 300 के आसपास और राज्य के भीतर ही अलग-अलग होती है। इस समूह ने उदाहरण देते हुए बताया कि सिक्किम में 589 ईवीएम, छत्तीसगढ़ में 23,672 और उत्तर प्रदेश में लगभग 1,50,000 है। रिटायर्ड अफसरों को कहना है कि चुनाव आयोग ने ये सार्वजनिक नहीं किया है कि वह अपने सैंपल साइज तक कैसे पहुंचे और न ही जनसंख्या के बारे में बारे में बताया है, जो सैंपल साइज से संबंध है। जनसंख्या में व्यापक अंतर के आधार पर सैंपस साइज त्रुटि के उच्च मार्जिन को दिखाता है, जो लोकतंत्र में अस्वीकार्य है।ईवीएम की वीवीपीएटी आधारित ऑडिट में पारदर्शिता की कमी ने ईवीएम के बड़े पैमाने पर धांधली को हवा दी है।

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English summary
73 former IAS, IPS and IFS officers group give Elcetion Commission a solution to EVM controversy
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